प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान का दर्जा मिलने के बाद आईआईटी दिल्ली ने पोस्टग्रेजुएट और रिसर्च कोर्स में 2018-19 सत्र में नामांकन लेने वाले छात्रों की फीस लगभग दोगुनी कर दी है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के डॉयरेक्टर रामगोपाल राव ने भी कहा कि उनलोगों ने प्रत्येक साल फी-स्ट्रक्चर को संशोधित करने की योजना बनाई है। प्रतिशिष्ठित संस्थान का दर्जा मिलने के बाद आईआईटी दिल्ली शोध और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए फंड बढ़ाने का उपाय कर रही है। हिन्दुस्तान टाईम्स की रिपोर्ट के अनुसार, डॉयरेक्टर रामगोपाल राव ने बताया, “नए छात्रों के लिए फीस बढ़ाया गया है। पुराने छात्र जो पहले से यहां पढ़ रहे हैं, उनके फी-स्ट्रक्चर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। हमने प्रत्येक साल फीस कां संशोधित करने की योजना बनाई है।”

14 नवंबर को संस्थान द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, 2017 या उससे पहले पीएचडी कोर्स में नामांकन कराने वाले छात्रों का फीस जनवरी सेमेस्टर के लिए 10 हजार रुपये थी। वहीं, 2018 से नामांकन लेने वालों के लिए फीस बढ़कर 19, 650 रुपया हो गई है। इसी तरह एमटेक और मास्टर इन सायंस (रिसर्च) के छात्रों के लिए फीस 27,100 रुपये से बढ़कर 53,650 रुपये हो गई है। हालांकि, विदेशी छात्रों के लिए अभी फीस में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। इस साल मई महीने में पोस्ट ग्रेजुएट और रिसर्च कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्र अपने पहले सेमेस्टर की फीस पुराने स्ट्रक्चर के आधार पर दिए हैं। नए सेमेस्टर में उन्हें बढ़ी हुई फीस जमा करनी पड़ेगी। नया सेमेस्टर अगले साल जनवरी से शुरू होगा। पीचडी और एमएसआर में दूसरे राउंड (दिसंबर) में एडमिशन लेने वाले छात्रों को नए सर्कुलर के अनुसार फीस देनी होगी।

राव का कहना है कि फीस स्ट्रक्चर में संशोधन आंतरिक फंड को बढ़ाने के उद्देशय से किया गया है। वे कहते हैं, “आईआईटी पूरी तरह से सरकार से मिलने वाले ग्रांट पर निर्भर है। बीटेक कोर्स के फीस को संशोधित करने के लिए हम स्वतंत्र नहीं हैं। लेकिन मास्टर और रिसर्च कोर्स के फीस को संशोधित करने का अधिकार हमारे पास है। प्रतिष्ठित संस्थान का दर्जा प्राप्त होने के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और उसके मरम्मत के लिए हमें फंड की जरूरत है। हमने संस्थान के लिए पैसे इकट्ठे करने के सभी उपायों पर विचार किया और फी स्ट्रक्चर को संशोधित किया गया।”