भारत और कनाडा के बीच अब रिश्ते सामान्य नहीं है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत ने कनाडा को मुंहतोड़ जवाब दिया। दरअसल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने इस मामले को संसद में उठाया था और भारत पर दोष मढ़ने का प्रयास किया था।
भारत विरोधी पोस्टर – बैनर हटाने के निर्देश
इसके बाद भारत ने कनाडा को एक के बाद एक कई मुंहतोड़ जवाब दिए। वहीं अब कनाडा के सुर नरम पड़ रहे हैं और वह खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ अपने देश में सख्ती बढ़ा रहा है। कनाडा प्रशासन ने खालिस्तानी समर्थकों को देश के कई इलाकों में लगे होर्डिंग और बैनर को हटाने का आदेश दिया है।
कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे पर भारतीय राजनयिकों की हत्या के आवाहन वाले पोस्टर लगाए गए थे। इसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और इन पोस्टरों को हटाया जा रहा है। वहीं प्रशासन को ओर से गुरुद्वारा प्रबंधन को चेतावनी भी दी गई है कि किसी भी कट्टरपंथी घोषणा के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न किया जाए।
18 सितंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने कहा था कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि कनाडा की एजेंसियों ने पुख्ता तौर पर इसका पता लगाया है कि भारत की एजेंसियां इसके पीछे हैं। जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर कनाडा की संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। जस्टिन ट्रुडो के बयान के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को निष्कासित कर दिया, लेकिन इसके ठीक अगले दिन भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए कनाडा के एक डिप्लोमेट को भारत से निष्कासित कर दिया।
भारत ने कनाडाई पीएम के बयान को बताया बेतुका
भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री को जवाब देते हुए कहा था कि यह बयान पूरी तरह से बेतुका है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है और कनाडा के प्रधानमंत्री का बयान खालिस्तानी आतंकवादियों से ध्यान हटाने के लिए एक कोशिश है। भारत ने यह भी कहा था कि कनाडा आतंकियों के लिए स्वर्ग बनता जा रहा है।