पूरी दुनिया में आतंक और खौफ का पर्याय बन चुके आईएसआईएस के चंगुल से निकलकर बाहर आए एक मां बेटे की खौफनाक कहानी सामने आई है। पांच बार भागने का असफल प्रयास करने के बाद यह मां बेटे छठीं बार में सफल हो पाए और नर्क से निकलने में कामयाब रहे। वॉशिंगटन पोस्ट में छपे लेख के अनुसार  20 वर्षीय फरयाल और उसका पांच वर्षीय बेटे होशयार की कहानी दर्दनाक और भयावह है। आईएस के चंगुल से बाहर निकले के बाद फरयाल ने पिछले हफ्ते सीरिया के एक कस्बे में अपनी कहानी सुनाई। फरयाल अमेरिका समर्थित कुर्दिश लड़ाकों की मदद से निकल पाई

जब वह वहां से भाग रही थीं तो उन्हें 53 घंटे पैदल लाशों के ढेर और अंधेरे रास्तों में चलना पड़ा। चलते हुए फरयाल ने आप पांच साल के बच्चे के कान में कहा कि यहां से चलने के बाद उसे उसके दादा-दादी मिलेंगे और बताया कि चार साल की कैद के बाद वह आजाद हो रहे हैं। फरयाल बताती हैं कि उनका बेटा काफी डरा हुआ था लेकिन उन्होंने उसका हाथ नहीं छोड़ा और उसके साथ चलती चली गईं।इराक में अल्पसंख्यक समुदाय में गिने जाने वाले कुर्दीश भाषी यजीदी को आईएसआईएस ने अपना शिकार बनाया है।

अगस्त 2014 को बड़ी संख्या में आईएसआईएस ने यजीदियों के महिलाओं पुरुषों का अपहरण कर लिया था। पुरुषों की हत्या कर उन्हें कब्र में दफना दिया और महिलाओं को सेक्स स्लेव बना लिया था। फरयाल ने बताया कि 2014 में सबकुछ सामान्य सा ही था। कुछ दिन पहले कहा जा रहा था कि आईएस के लड़ाके शहर के पास ही आ गए हैं। तेल बनात में कुछ लड़ाके पहले से ही मौजूद थे। वह अपने परिवार के 10 अन्य सदस्यों के साथ भागने की कोशिश कर रही थी। कुछ मील चलने के बाद ही आईएस ने उसके पति बच्चे और फरयाल को भी पकड़ लिया।

मैं अपने बच्चे को क्या जवाब दूंगी:
फरयाल बताती हैं कि यजीदी समुदाय के लिए किशोरों और पुरुषों को आईएस के लड़ाके अक्सर सड़के के किनारे मौत की नींद सुला देते हैं जबिक यजीदी महिलाओं को सेक्स स्लेव बनाने के लिए लड़ाकों और अन्य लोगों को बेच देते हैं। फरयाल बताती हैं कि वहीं कैद महिलाओं के लिए गैंगरेप आम बात है। महिलाओं को बेड से बांधकर प्रताड़ित किया जाता है।फरयाल बताती है कि वहां उस इलाके में एक आईएस लड़ाका जो इराकी था जो अपना नाम अबु काट्टाब बताता था। उसको सबसे ज्यादा प्रताड़ित करता था। वह उसका एक और साथी फरयाल के पांच साल के बच्चे होशयार को मारते थे। गर्म प्लेट पर उसके हाथ जला देते थे। होशयार काफी छोटा था लेकिन फिर भी ये लोग उसे मारते थे। वो लोग उससे बहुत नफरत करते थे मैं अपने बच्चे को कभी जवाब नहीं दे पाऊंगी वह लोग उसे क्यों मारते थे।फरयाल  बताती है कि उन्हें तीन दिन लगा इस बात में विश्वास करने में कि वह वाकई आजाद हैं। फरयाल को अभी भी डर लगता है कि वह वापस आकर उनका अपहरण कर लेंगे।