उइगुर नेता डोलकुन इसा को दिया गया ई-वीजा भारत सरकार ने रद्द कर दिया है। सोमवार को गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की, लेकिन इसके पीछे की कोई वजह नहीं बताई। इसा को वीजा दिए जाने का चीन ने काफी विरोध किया था। चीन इसा को आतंकवादी मानता है। सूत्र बताते हैं कि भारत सरकार ने यह कहते हुए ई-वीजा रद्द किया है कि इसा के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है। उन्हें वीजा दिए जाने की खबर को मीडिया में इस रूप में प्रचारित किया गया था कि यह चीन को मसूद अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहल को समर्थन नहीं दिए जाने का जवाब है।
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डोलकुन इसा वर्ल्ड उइगुर कांग्रेस (WUC) के नेता हैं। वह जर्मनी में रहते हैं। उन्हें अमेरिका स्थित ‘इनीशिएटिव्स फॉर चाइना’ की ओर से एक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए भारत बुलाया गया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने उसे वीजा दिए जाने पर प्रतिक्रिया में कहा था कि डोल्कुन एक आतंकवादी है। उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है। चीन को भी उसकी तलाश है। उसे इंसाफ के कठघरे में खड़ा करना सभी संबंधित देशों का फर्ज है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इस बारे में कहा था कि हमने मीडिया में आई खबरों को देखा है और तथ्यों का पता लगा रहे हैं। चीन का कहना है कि उसके यहां मुस्लिम बहुत प्रांत शिनजियांग में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में वर्ल्ड उइगुर कांग्रेस का ही हाथ है। शिनजियांग में एक करोड़ उइगुर रहते हैं। उइगुर तुर्किक मूल के मुसलमान हैं। वे शिनजियांग में चीनी आबादी का विरोध करते हैं और इस वजह से वर्षों से शिनजियांग प्रांत अशांत है।
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