गौतम अडानी की अगुवाई वाली अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड जल्द ही नई दिल्ली के भगवान दास रोड पर बने एक शानदार बंगले की नई मालिक होगी। एक सदी से भी ज्यादा पुराने इस दो मंजिला बंगले को अदानी ग्रुप ने आदित्य एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड की दिवालिया कार्यवाही के बाद हासिल किया है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 14 फरवरी के अपने आदेश में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने इस संपत्ति की कीमत केवल 265 करोड़ रुपये बताई है। हालांकि कुछ साल पहले इसकी कीमत इसके मालिकों ने 1000 करोड़ रूपाय लगाई थी।
एनसीएलटी ने अडानी प्रॉपर्टीज के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आदित्य एस्टेट्स के 93% ऋणदाताओं ने अडानी प्रॉपर्टीज के प्रस्ताव का समर्थन किया है। अडानी प्रॉपर्टीज को 5 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस गारंटी देना होगा साथ ही उन्हें को कन्वर्जन चार्ज के रूप में 135 करोड़ रुपये का भुगतान भी करना होगा। एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा कि दो स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं ने संपत्ति का मूल्यांकन किया था और औसत कीमत 306 करोड़ रुपये थी। अडानी ग्रुप द्वारा खरीदे गए इस बंगले का एक समृद्ध इतिहास है। भगवान दास रोड पर बना यह बंगला काउंसिल में भारत के लिए राज्यसचिव का औपनिवेशिक कार्यालय था। 1921 में लाला सुखबीर सिन्हा ने इसे खरीदा था।
एक सूत्र के मुताबिक “रेसोलुशन आवेदक को लगभग 400 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा क्योंकि इस संपत्ति का कन्वर्जन चार्ज बहुत ज्यादा है। कुछ साल पहले जब इसे पहली बार बेचने के बारे में सोचा गया था तब इसके मालिक 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन समय के साथ, इसकी कीमत कम हो गई है और चूंकि बिक्री एनसीएलटी के माध्यम से हो रही है, इसलिए देय राशि बाजार दर से कम है।”
यह मकान 3.4 एकड़ जमीन पर बना है। 25,000 से अधिक वर्ग फुट पर बनी इस संपत्ति में सात बेडरूम, छह लिविंग रूम और भोजन कक्ष, एक स्टडी रूम, स्टाफ क्वार्टर के लिए 7,000 वर्ग फुट का कुल निर्मित क्षेत्र और चारों तरफ हरे भरे पेड़ हैं। यह संपत्ति राजधानी नई दिल्ली के अल्ट्रा पॉश लुटियंस जोन में है।