राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) और नागरिकता कानून (CAA) को लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। वडोदरा की साइबर पुलिस ने कार्यकर्ता ज़ुबेर गोपलानी को एक नोटिस जारी किया है, जो अल्पसंख्यक विकास और संरक्षण फाउंडेशन के अध्यक्ष भी हैं। पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट पर स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें गोपलानी ने कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय से नए नागरिकता कानून का समर्थन करने वाले पेशेवरों का बहिष्कार करने का आग्रह किया। ।
इसके बाद, गोप्लाणी और सगीर अहमद अब्दुल गनी अंसारी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई। जिन्होंने ट्विटर अकाउंट बनाए और इस पोस्ट को शेयर किया, वहीं व्हाट्सएप पर इस पोस्ट को वायरल करने के लिए मोहम्मद सोएब मोहम्मद कादिवाला के खिलाफ भी एफ़आईआर दर्ज की गई।
एफआईआर आईपीसी के सेक्शन 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने), 505 (उकसाने के इरादे से), 114 (अपराध के दौरान उपस्थित व्यक्ति) के तहत दर्ज की गई है। ये प्राथमिकी अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक जे जे पटेल ने दर्ज कराई है।
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25 दिसंबर को जारी नोटिस में कहा गया है कि गोपालानी की पोस्ट “समुदायों के बीच दुश्मनी को उकसाती है।” नोटिस में गोपलानी को पुलिस के सामने पेश होने और इस पोस्ट को लेकर सफाई पेश करने के लिए कहा गया था। नोटिस में कहा गया था कि आपके खाते से एक ट्वीट किया है जिसमें आपने वडोदरा के डॉक्टरों का नाम लिया है और आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने सार्वजनिक रूप से मुस्लिम विरोधी टिप्पणी की है और सीएए का समर्थन किया है। ये ट्वीट समुदायों के बीच कलह पैदा और शांति का उल्लंघन करता है। वर्तमान में वडोदरा से बाहर आए गोपीलानी ने कहा कि वह नोटिस का अनुपालन करेंगे और अपना रुख स्पष्ट करने के लिए शुक्रवार को पुलिस के समक्ष पेश होंगे।