देश में राजमार्ग पर आवारा पशुओं व जंगली जानवरों की वजह से हादसे बढ़े हैं। आए दिन कहीं न कहीं हादसे हो रहे हैं। हादसों में कमी लाने के लिए राजमार्ग के लिए नए सिरे से नियम तैयार किए जाएंगे। नियमों के लिए केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने सभी संबंधित विभागों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने सभी संबंधित विभागों को अपने सुझाव और अनुभव साझा करने के लिए कहा है ताकि इन अनुभवों के आधार पर नए नियम तैयार किए जा सकें।

भोजन की तलाश में भटकते इन बेजुबान को इस बात का अंदाजा नहीं हो पाता कि खुद वे भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। यही कारण है कि आए दिन कोई न कोई हादसे का शिकार हो ही जाता है। प्रशासन के पास भी इन पशुओं की व्यवस्था करने का कोई विकल्प नहीं है।राजमार्ग पर होने वाले हादसों की बड़ी वजह आवारा पशुओं और जंगली जानवरों को माना गया है।

संसदीय समिति की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने हादसों को लेकर लेकर संज्ञान लिया और नए सिरे नियम तक करने की प्रक्रिया शुरू की। अब राजमार्ग निर्माण से संबंधित एंजसी राष्ट्रीय राजमार्ग एंड विकास निगम लिमिटेड(एनएचआइडीसीएल), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) , राज्यों के निर्माण विभाग और इंडियन रोड कांग्रेस इस हालात से निपटने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करेंगे। इसका प्रारूप केंद्र सरकार को भेजा जाएगा और इसके बाद सिफारिशें देश भर में लागू की जाएंगी।इस बाबत सड़क परिवहन मंत्रालय के महानिदेशक ए के कुशवाहा ने आदेश जारी किए हैं।

राजमार्ग पर आवारा जानवरों और जंगल से सटे इलाकों से सीधे राजमार्ग पर आ जाने वाले जानवरों सड़क हादसों की वजह बताया था। रिपोर्ट में केंद्र सरकार से राजमार्ग पर अधिक हादसों वाले स्थल (ब्लैक स्पाट) को चिह्नित करके उस जगह पर पुशओं के प्रवेश को रोकने के लिए बैरिकेड या विशेष संकेतक जैसे विकल्प का प्रयोग करने की सलाह भी दी गई थी ताकि आवारा पशुओं से होने वाले हादसों को रोका जा सके।