डीआरडीओ ने शुक्रवार को ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (हीट) ‘अभ्यास’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। ‘अभ्यास’ देश में ही विकसित किया गया है।

डीआरडीओ के अनुसार इसका इस्तेमाल अनेक मिसाइल प्रणालियों का मूल्यांकन करने के लिए हवाई लक्ष्य के तौर पर किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल निगरानी प्रणाली (ईटीओएस) समेत दूरमापी और अनेक सेंसरों के माध्यम से लक्षित यान के कामकाज पर निगरानी रखी गयी।

डीआरडीओ की इस उपलब्धि पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई दी है। अभ्यास को डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरू ने डिजाइन और विकसित किया है। सूत्रों ने बताया कि इसे गैस टर्बाइन इंजन से चलाया जाता है ताकि सबसोनिक गति पर लंबी उड़ान भरी जा सके।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि टेलीमेट्री और विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर के माध्यम से लक्षित विमान के प्रदर्शन की निगरानी की गई। परीक्षण के दौरान, लक्ष्य को जमीन-आधारित नियंत्रक से सबसोनिक गति से पूर्व-निर्धारित उड़ान के रास्ते पर उड़ाया गया था। मई 2019 में इसका पहली बार सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया था।

2012 से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था। इसके तहत, अभ्यास को सतह से हवा और हवा से हवा में मार करने में सक्षम बनाया गया है। अभ्यास को एक मोबाइल लॉन्चर से दो 68 मिमी बूस्टर रॉकेट की मदद से लॉन्च किया जाता है, जो ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में निर्मित होते हैं। इसके प्रक्षेपण चरण के अंत में, बर्नआउट बूस्टर रॉकेट को बंद कर दिया जाता है। इसके बाद मुख्य गैस-टरबाइन इंजन यान को शक्ति प्रदान करता है। अभ्यास विमान मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (एफसीसी) के साथ नेविगेशन के लिए एमईएमएस आधारित जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (आईएनएस) से लैस है।

अभ्यास के सफल परीक्षण के से भारत की रक्षा प्रणाली में और मजबूती मिलने की उम्मीद की जारी है। अभ्यास को बल गुणक बताते हुए, डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने हवाई लक्ष्य के सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई दी।