बहुचर्चित व्यापमं घोटाले को ‘खूनी घोटाला’ करार देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने व्यापमं घोटाले के साथ मध्यप्रदेश के निजी कॉलेजों की डेंटल एवं मेडिकल प्रवेश परीक्षा के ‘डीमैट’ घोटाले की भी शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा राज्यपाल राम नरेश यादव के इस्तीफे की भी मांग की।

आप के वरिष्ठ नेता ने आज यहां इस मुद्दे पर आयोजित पत्रकार वार्ता में संवाददाताओं से कहा, ‘‘व्यापमं घोटाला अबतक का देश के सबसे बडे घोटाले के तौर पर सामने आया है। यहां तक कि यह उत्तप्रदेश के एनआरएचएम घोटाले से भी बड़ा है। यह एक खूनी घोटाला है। इससे जुड़े 48 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। व्यापमं घोटाले के साथ ही मध्यप्रदेश के निजी कॉलजों की डेंटल एवं मेडिकल प्रवेश परीक्षा के ‘डीमैट’ घोटाले की भी सीबीआई जांच शीर्ष अदालत की निगरानी में होनी चाहिये’’।

उन्होंने कहा कि यह साफ हो चुका है कि मध्यप्रदेश के राज्यपाल व्यापमं घोटाले में 10वें क्रमांक पर आरोपी हैं और मुख्यमंत्री के पूर्व निजी सचिव प्रेम प्रकाश भी इसमें एक मुख्य आरोपी हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री निवास की कॉल डिटेल का रिकॉर्ड भी उपलब्ध है। इसको देखते हुए घोटाले की निष्पक्ष जांच को सुनिश्चित करने के लिये केन्द्र सरकार को राज्यपाल को तुरंत बर्खास्त करना चाहिये और मुख्यमंत्री चौहान को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिये।

सिंह ने कहा कि इस घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ ने अब तक करीब 2000 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मुख्यमंत्री के निजी सहायक, राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त और चौहान के करीबी गुलाब सिंह किरार, किरार के पुत्र शक्तिसिंह सहित कई उच्च अधिकारियों जैसी बड़ी मछलियों को छुआ तक नहीं गया है।

इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के करीबी सुधीर सिंह भदौरिया के खिलाफ भी एसटीएफ ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रमुख के सी सुदर्शन का नाम भी व्यापमं घोटाले में लिया गया था इसलिये उनकी मौत को भी ‘संदेहजनक’ माना जाना चाहिये।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान को इस मामले में स्वयं पीड़ित होने का खेल नहीं खेलना चाहिये, जबकि वह स्वयं इस घोटाले को रोकने में असफल रहे। इसके साथ ही उन्हें इस मामले में इतनी मौतें होने से पहले ही सीबीआई जांच की पहल करनी चाहिये थी।

आप नेता ने दावा किया कि चौहान ने सीबीआई जांच के लिये पहल तब कि जब उन्हें (चौहान) यह आभास हो गया कि शीर्ष अदालत 9 जुलाई को इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश देगी। उन्होंने यह भी आरोप लगया कि एसटीएफ ने आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी के इस घोटाले में शामिल होने के संबंध जांच नहीं की।

आम आदमी पार्टी ने व्यापमं घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री के इस्तीफे और राज्यपाल को पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर यहां प्रदर्शन भी किया और प्रदेश कार्यालय से लिली टॉकीज तक एक रैली निकाली।