असहिष्णुता संबंधी टिप्पणी करने के कई दिनों बाद बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने शनिवार को कहा कि भारत बहुत सहिष्णु है, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि वह ऐसे लोगों पर रोक लगाएं। एक्‍टर ने यह भी कहा कि वे अभी तक देश के ब्रांड एम्बेसडर हैं, भले ही सरकार ने उनकी सेवाएं लेनी बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि भारत उनकी माता है, कोई ब्रांड नहीं है। आमिर ने कहा, ‘‘भारत कोई ब्रांड नहीं हो सकता। मैं अपनी मां को किसी ब्रांड के रूप में नहीं देख सकता। यह अन्य लोगों के लिए ब्रांड हो सकता है किन्तु मेरे लिए नहीं। आज की तारीख तक मैं भारत का ब्रांड एम्बेसडर हूं भले ही सरकार ने मुझे हटा दिया हो।’’ उन्होंने कहा कि वह दस साल तक ‘‘अतुल्य भारत के अतिथि देवो भव ’’ अभियान के ब्रांड एम्बेसडर थे और उन्होंने देश के इस जन सेवा अभियान के लिए एक भी पाई नहीं ली तथा भविष्य में भी नहीं लेंगे।

एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, आमिर ने रजत शर्मा के कार्यक्रम ‘‘आप की अदालत’’ में कहा, ‘‘हमारा देश बहुत सहिष्णु है किन्तु कुछ लोग दुर्भावनाएं फैला रहे हैं, जो इस विशाल देश को तोड़ने की बात करते हैं, ऐसे लोग हर धर्म में मौजूद हैं, केवल मोदीजी उन्हें रोक सकते हैं। आखिरकार मोदीजी हमारे प्रधानमंत्री हैं और हमें उनसे कहना चाहिए।’’ आमिर ने कहा कि सुरक्षा की भावना न्याय व्यवस्था से आती है जिसे त्वरित न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही निर्वाचित प्रतिनिधियों से भी सुरक्षा की भावना मिलती है जिन्हें कुछ गलत होने पर अपनी आवाज उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार कानून सभी के लिए बराबर है तथा कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। दुर्भाग्यवश, कुछ लोग हैं जो नकारात्मकता एवं घृणा फैलाते हैं। यदि मैं गलत नहीं हूं तो हमारे प्रधानमंत्री ने भी चिंता जताई है। उनका नारा है..सबका साथ, सबका विकास।’’

असहिष्‍णुता वाले बयान पर दी सफाई
आमिर उस समय सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने यह टिप्पणी की थी कि उनकी पत्नी असहिष्णुता के कारण भारत छोड़ने पर विचार कर रही हैं । उन्होंने वरिष्ठ अभिनेता अमिताभ बच्चन की इस टिप्पणी का भी जवाब दिया कि आमिर ने यह बयान देकर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है कि असहिष्णुता बढने के कारण असुरक्षा की भावना बढ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने इंटरव्‍यू में कहा था कि अवसाद की भावना, निराशा की भावना बढ़ रही है तथा असुरक्षा एवं असहिष्णुता की भावना भी बढी है। किन्तु यह दोनों बिल्कुल अलग चीजें हैं।’’ आमिर ने यह भी कहा कि उन्हें गलत रूप से उद्धृत किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी यह नहीं कहा कि भारत असहिष्णु है। मुझे गलत रूप से उद्धृत किया गया। बढ़ती असहिष्णुता कहना और भारत असहिष्णु है कहना दो बिल्कुल अलग चीजें हैं।’’

पीके के जरिए धार्मिक भावनाएं आहत करने से इनकार 
असुरक्षा के कारण भारत छोड़ने की उनकी पत्नी द्वारा जतायी गयी मंशा के बारे में आमिर ने कहा कि वह और उनकी पत्नी कहीं नहीं जा रहे। वे यहीं जन्मे हैं और भारत में ही मरेंगे। किन्तु उन्होंने यह भी कहा, ‘‘आखिरकार किरण भी एक मां है तथा मां अपने बच्चों को लेकर सदैव चिंतित रहती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अक्सर आपस में बहुत सी बातें कहते हैं किन्तु वैसा मतलब नहीं होता। हम सौ प्रतिशत उसपर अमल नहीं करते। न ही वह हमारी मंशा होती है। किरण वास्तव में अपने भाव प्रकट कर रही थीं। हम यहां जन्में हैं और यहीं मरेंगे। हम अपने देश को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं।’’उनकी फिल्म पीके में कथित रूप से हिन्दू धर्म को गलत ढंग से पेश करने की उनकी या उनके निर्देशक की मंशा के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए आमिर ने कहा, ‘‘यह केवल एक चरित्र था जो एक नाटक में शिव की भूमिका निभा रहा था। आखिरकार भगवान शंकर सर्वशक्तिमान हैं, हम उनका मजाक बनाने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं।’’