आज तक चैनल पर एक डिबेट में होस्ट व एंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि शाहीन बाग में रोज इतनी महिलाएं किसी मोटिवेशन के बिना नहीं बैठ सकतीं। इस पर पैनल में मौजूद मौलाना अंसार रजा ने कहा- कौन मॉटिवेट कर रहा है? इस पर होस्ट ने कहा- उनके मन में बैठा डर। रजा बोले- हां, ये सही है। तब अंजना ने उनसे कहा- आप अपने दिमाग का फितूर शांत रखिए। इसी बीच पैनल में बैठे भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा- उन्हें आप लोग ही डराते हैं।
20 फरवरी की शाम के इस टीवी डिबेट में शायर मुनव्वर राणा की बेटी उरूशा राणा भी शरीक हुईं। उनका कहना था- इन्होंने (मोदी सरकार) एलआईसी बेच दी, एयर इंडिया बेच दिया, इन सब बातों से ध्यान हटाने और हमें बेवकूफ बनाने के लिए सीएए, एनआरसी ले आए। यह सोच कर कि ये इसी में उलझे रहें।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने गुरूवार को लगातार दूसरे दिन शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की जहां लोग संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले दो महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। वार्ताकार वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन मीडिया की मौजूदगी में बातचीत शुरू नहीं करना चाह रहे थे।प्रदर्शनकारियों ने उन्हें मनाने की कोशिश की कि वे अपनी बात मीडिया के सामने रखना चाहते हैं, लेकिन पत्रकारों को बाद में जाने को कहा गया।
रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपने बुलाया हम चले आये।’’ उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा था कि शाहीन बाग में सड़क बंद होना परेशानी पैदा करने वाला है और प्रदर्शनकारियों को किसी दूसरी जगह जाना चाहिए जहां कोई सार्वजनिक स्थान अवरुद्ध नहीं हो।
हालांकि शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारियों के विरोध के अधिकार को बरकरार रखा।शीर्ष अदालत ने हेगड़े से प्रदर्शनकारियों को किसी वैकल्पिक स्थान पर जाने के लिए मनाने में भी सकारात्मक भूमिका निभाने को कहा। उसने कहा कि वार्ताकार इस मामले में पूर्व नौकरशाह वजाहत हबीबुल्ला की मदद मांग सकते हैं।
(भाषा इनपुट्स के साथ)