जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से राज्य में हलचल तेज है। किसी भी तरह की हिंसा न हो इसके लिए राज्य में सेना को तैनात किया गया है। बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कश्मीर का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान वह कश्मीरी आवाम के साथ खाना खाते दिखे। एनएसए के कश्मीरियों के साथ एक साथ खाना खाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ‘पैसे देकर आप किसी को भी साथ ले सकते हो।’ इसके बाद राज्य का दौरा करने पहुंचे आजाद को गुरुवार को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोक दिया गया। बता दें कि श्रीनगर में धारा 144 लागू की गई है।
इस पर एक टीवी चैनल के लाइव डिबेट कार्यक्रम ‘हल्ला बोल’ में शो की एंकर और पैनलिस्ट के बीच जमकर नोक-झोंक हुई। इस दौरान पैनलिस्ट बीजेपी पर निशाना साधते और आजाद का बचाव करते नजर आए। इस दौरान उन्होंने एंकर से यहां तक कह दिया कि आप बड़े चैनल की एंकर हैं, आम लोगों की बात क्यों नहीं करतीं?
दरअसल डिबेट के दौरान एंकर श्वेता सिंह ने कश्मीरी राजनीतिक विश्लेषक सलमान निजामी से पूछा ‘जिस तरह की भाषा का प्रयोग आजाद कर रहे हैं उन्हें कश्मीर क्यों जाने दिया जाए? जबकि इस समय तो कश्मीर के लोगों को समझाने की जरूरत है। आखिर आजाद क्यों इस तरह के भड़काऊ बयान दे रहे हैं?’ एंकर के इतना पूछते ही निजामी कहते हैं ‘मुझे नहीं लगता कि उन्होंने कोई भड़काऊ वाला बयान दिया है। उनको पूरा हक है कि वह कश्मीर में जाएं क्योंकि वह वहां के बाशिंदे हैं और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं।’
राजनीतिक विश्लेषक @SalmanNizami_ ने साधा बीजेपी पर निशाना, पूछा – कहां गई उनकी जम्हूरियत? वो क्यों जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद को वहां नहीं जाने दे रहे?#हल्ला_बोल
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उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा ‘आज आपकी जम्हूरियत कहां गई? वो क्यों जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को वहां नहीं जाने दे रहे? वह आज से नहीं बल्कि बीते 30-40 से कश्मीर की वकालत करते रहे हैं। वह कश्मीर को हिंदुस्तान के साथ जोड़ने वाले एक ब्रिज की तरह हैं। ये गुलाम नबी की ही बात नहीं बल्कि आज जम्मू-कश्मीर में लोगों के घरों के बाहर पांच-पांच पुलिसवालों को तैनात किया गया है।’
इतने में एंकर उन्हें बीच में ही रोककर कहती हैं ‘यह बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि मैं भी दक्षिण कश्मीर के इलाकों में घुमकर आई हूं। कॉलोनियों के अंदर छोटी-छोटी दुकानें खुली हुई हैं। प्लीज इस तरह की बात मत कीजिए।’ इस पर निजामी कहते हैं ‘आप इतने बड़े टीवी चैनल की एंकर हैं। आप आम लोगों की बात कीजिए न।’
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उन्होंने आगे कहा ‘आप कुपवाड़ा जाइए, बांदीपोरा जाइए आप बाकी जगहों पर भी जाइए। अगर जम्मू-कश्मीर के लोग इस स्वीकार कर रहे हैं तो जश्न क्यों नहीं मनाया जा रहा? लाल चौक, विक्रम चौक, कारगिल में जश्न क्यों नहीं मनाया जा रहा? आपने (केंद्र) ने हमसे राज्य का दर्जा छीन लिया। कश्मीरियों को पता नहीं चल रहा कि उनके साथ क्या हो रहा है। आवाम को यूनियन टेरिटरी दे दी ये कहां का इंसाफ है?’ इसपर एंकर कहती हैं कि अब तो संसद में यह (बिल पास) हो चुका है और इस पर बहस करने का कोई फायदा नहीं है। लेकिन अब हमें इसके आगे देखना है कि हमें क्या करना चाहिए।