आधार कार्ड के सर्विलांस को रोकने और लोगों की निजता संबंधी शंकाओं को दूर करने के लिए सरकार ने अब आधार कार्ड के लिए ऑफलाइन वेरिफिकेशन टूल्स का इस्तेमाल करने पर फैसला किया है। ऑफलाइन टूल्स के तहत सरकार अब लोगों से QR Codes और पेपरलेस KYC फॉर्म भराने पर विचार कर रही है। इस तरह अब आधार कार्ड के लिए बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन या यूआईडीएआई सर्वर का इस्तेमाल बंद हो जाएगा! अब केवाईसी प्रक्रिया के लिए लोगों को अपना आधार कार्ड नंबर बताने की जरुरत भी नहीं होगी। इस तरह सरकार ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी कर सकेगी। सर्विस प्रोवाइडर, जिसमें सरकार भी शामिल है, इस ऑफलाइन केवाईसी का इस्तेमाल कर सकेंगे। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, पहचान पत्र और पैन कार्ड के साथ भी इसे लिंक किया जा सकेगा।

क्यूआर कोड्स को UIDAI की वेबसाइट से डाउनलोड और प्रिंट किया जा सकेगा। सर्विस प्रोवाइडर UIDAI की वेबसाइट से ही क्यूआर कोड्स रीडर भी डाउनलोड कर सकेंगे, जिसकी मदद से आधार नंबर के प्रिंटआउट से क्यूआर कोड रीड किया जा सकेगा। यूआईडीएआई एक पेपरलेस eKYC भी उपलब्ध कराएगा, जिसे लैपटॉप या फोन में स्टोर करके रखा जा सकेगा। जैसे ही सर्विस प्रोवाइडर के पास जरुरी सॉफ्टवेयर आ जाएगा, वैसे ही यूजर्स एक शेयर कोड के साथ अपनी आईडी से जिप फाइल शेयर कर अपनी जानकारी साझा कर सकेंगे।

अधिकारियों का कहना है कि eKYC और क्यूआर कोड्स की मदद से लोगों की प्राइवेसी की रक्षा की जा सकेगी। साथ ही लोगों की डेमोग्राफिक सूचनाएं लीक होने का डर भी खत्म हो जाएगा। eKYC की मदद से बिना अपना यूनिक आईडी नंबर शेयर किए बैंक में खाता खोला जा सकेगा और फोन कनेक्शन लिया जा सकेगा। ऑफलाइन टूल्स के इस्तेमाल होने के चलते यदि कोई व्यक्ति बैंक में खाता खुलवाता है, इंश्योरेंस लेता है या फिर कोई सिम खरीदता है तो इसके बारे में सरकार को कुछ पता नहीं चलेगा। इस तरह लोगों की प्राइवेसी की रक्षा हो सकेगी। क्यू आर कोड जहां यूजर्स की निजता की रक्षा करेगा, वहीं इससे फ्रॉड होने की संभावना भी नहीं होगी। इस प्रक्रिया में 3 क्यू आर कोड इस्तेमाल होंगे, जिनमें से 2 पर डेमोग्राफिक जानकारी और फोटो होगा, वहीं एक फॉर्म पर सिर्फ डेमोग्राफिक जानकारी ही दी जाएगी। ये क्यू आर कोड्स टेंपर प्रूफ होंगे और कटेंगे या फटेंगे नहीं।