ओडिशा पुलिस एक मर्डर की गुत्थी सुलझा रही थी। जिसमें उसे खून से सनी एक शर्ट से मामले की तह तक पहुंचने में मदद मिली। यह कैसे हुआ? यही हम आपको इस खबर में बताने वाले हैं। शुक्रवार (13 दिसंबर) को कटक के बाहरी इलाक़े में काठजोड़ी नदी के किनारे पर पुलिस को एक महिला के शव होने की सूचना मिली थी। जहां उसे मारने के लिए इस्तेमाल चाकू को भी बरामद किया गया। जब शव को पुलिस ने बरामद किया तो उसकी पहचान कर पाना बहुत मुश्किल था। क्योंकि उसका चेहरा एकदम खराब हो चुका था। उसके दोनों हाथों पर टैटू बने हुए थे।
कैसे सुलझी गुत्थी?
पुलिस ने मामले की तह तक पहुंचने के लिए इलाक़े में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद हासिल की। हालांकि ऐसे किसी भी प्रयास में पुलिस को सफलता नहीं मिल सकी।
इन प्रयासों से कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने पर, पुलिस ने आस-पास के गांवों में लोगों से पूछताछ शुरू की और महिला की पहचान सुनिश्चित करने के लिए टैटू की तस्वीरें भी सार्वजनिक कीं।
इन प्रयासों के साथ ही पुलिस ने उस जगह के आस-पास की तलाशी जारी रखी, जहां उन्हें शव मिला था। इसी तलाशी के दौरान जांचकर्ताओं को एक बड़ा सुराग मिला। यह एक शर्ट और एक जोड़ी पतलून थी। जिस पर कागज़ के टैग लगे थे और लिखा था ‘न्यू स्टार टेलर्स’, दोनों पर सीरियल नंबर 3833 लिखा हुआ था।
कटक के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जगमोहन मीना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “ओडिशा में इस नाम या इससे मिलते-जुलते नाम वाले लगभग 10 दर्जी का सत्यापन किया गया और उनके टैग के डिज़ाइन की तुलना घटनास्थल पर मिले टैग से की गई। कोई मिलान नहीं मिला। कुछ दिन बाद हमें एक अज्ञात व्यक्ति से व्हाट्सएप संदेश मिला कि गंजम जिले के भंजनगर इलाके में ऐसी एक दुकान है। हालांकि जब पुलिस ने उस दुकान का पता लगाया और उसके टैग को देखा, तो वह अपराध स्थल पर मिले टैग से मेल नहीं खाता था।”
मीणा ने कहा, “लेकिन दुकान पर मौजूद दर्जी ने एक महत्वपूर्ण सुराग दिया। उसने कहा कि गुजरात में ऐसे कागज के टैग का इस्तेमाल किया जाता है… वह यह बात पूरे विश्वास के साथ कह सकता था क्योंकि उसने गुजरात में कई जगहों पर दर्जी के तौर पर काम किया था।” कटक पुलिस ने इसके बाद गुजरात पुलिस से संपर्क किया, जिसने “न्यू स्टार टेलर्स” नाम की अलग-अलग दुकानों की पहचान करने में मदद की। उन्होंने सूरत पर ध्यान केंद्रित किया, जहाँ ओडिशा के बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं।
करीब सात-आठ दुकानों की जांच के बाद एक दुकान मिली, जिसमें पेपर टैग का डिज़ाइन मिलता-जुलता था। फिर, ग्राहक के बारे में खोजने के लिए सीरियल नंबर 3833 का इस्तेमाल किया गया। लेकिन केवल एक उपनाम, ‘बाबू’ का उल्लेख किया गया था और कुछ भी नहीं था। हालांकि, दुकान के दर्जी ने कहा कि उसे उस ग्राहक को 100 रुपये वापस करने थे, जिसने खुद को बाबू बताया था. उसने पैसे एक मोबाइल नंबर से जुड़े ई-वॉलेट से ऑनलाइन लेनदेन के ज़रिए से भेजे थे।
पुलिस आयुक्त एस देव दत्ता सिंह ने कहा कि जांचकर्ताओं को उसका फोन नंबर भी मिला और पहले आंध्र प्रदेश में उसका पता लगाया और फिर देखा कि उसका स्थान बदलता रहता है। शनिवार को सादे कपड़ों में रायगढ़ के पुलिस अधिकारी ट्रेन में चढ़े और चलती ट्रेन की तलाशी ली। आयुक्त ने कहा कि रायगढ़ और मुनिगुडा स्टेशनों के बीच एक घंटे की तलाशी में उन्हें संदिग्ध मिल गया। पूछताछ करने पर पुलिस को पता चला कि आरोपी जगन्नाथ दुहुरी पीड़िता का साला है और उसने कथित तौर पर अपने भाई बलराम दुहुरी और चचेरे भाई हापी दुहुरी के साथ मिलकर अपराध किया है। पुलिस ने तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।