पहले अंग्रेजी, गणित, उर्दू, ईवीएस और उसके बाद कंप्यूटर की क्लास। जम्मू-कश्मीर की छह साल की बच्ची ने पीएम नरेंद्र मोदी को वीडियो संदेश के जरिए सवाल किया है कि इतना ज्यादा बोझ बच्चों पर क्यों डाला जा रहा है। अपने हाथों के एक्शन से उसने बताया कि किस कदर बच्चे स्कूल की लंबी-लंबी ऑनलाइन क्लासों से तंग हैं। उसका कहना है कि इतना बड़े बच्चों को देते हैं।
बच्ची ने इतने मासूम अंदाज में अपना दर्द बयां किया कि उसका वीडियो फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। आलम ये है कि अब तक इस 45 सेकेंड की क्लिप को 57 हजार लोगों ने देखा और 5 हजार ने लाइक किया। इतना ही नहीं 12 सौ यूजर्स ने वीडियो को रीट्वीट कर दूसरों को भी उसके मासूम शिकवे से रूबरू कराया। ये वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था। इसे एक पत्रकार औरंगजेब ने अपने हैंडल से पोस्ट कर लिखा था- छह साल की बच्ची किस मासूम अंदाज में अपना दर्द बता रही है।
A six-year-old Kashmiri girl's complaint to @PMOIndia @narendramodi regarding long hours of online classes and too much of school work. pic.twitter.com/S7P64ubc9H
— Aurangzeb Naqshbandi (@naqshzeb) May 29, 2021
Chubby cute kid.
— vibgyorss (@vibgyor_Premila) May 30, 2021
इस प्यारी बच्ची की परेशानी को दूर करो मोदी जी
— Juήaΐd Alam! (@JUNAID_ALAM__) May 30, 2021
क्लिप में बच्ची कह रही है कि उसकी क्लास सुबह 10 बजे शुरू होती है और दोपहर दो बजे तक चलती रहती है। उसने पीएम से सवाल किया कि छोटे बच्चों के साथ ये अन्याय नहीं है क्या? कुछ सेकेंड शांत रहने के बाद वो खुद ही कहती है, लेकिन किया भी क्या जा सकता है। फिर वो मासूमियत भरे अंदाज में कहती है। मोदी साहेब बाय।
गौरतलब है कि कोरोना संकट ने हर किसी को परेशान कर रखा है। लॉकडाउन के चलते बीते साल लोग घरों में कैद रहे तो इस साल दूसरी लहर में पहले से भी बुरा हाल है। बच्चों के लिए स्कूल तो एक सपना हो चुका है। उन्हें घर पर रहकर ऑनलाइन क्लास अटैंड ,करनी पड़ रही हैं। उन्हें क्या महसूस होता है, ये बच्ची ने इतनी मासूमियत के साथ बयां किया कि सोशल मीडिया पर लोग बाग-बाग हो गए।
एक यूजर ने लिखा- बच्ची की मासूमियत हिमालय की ऊंचाई से भी ज्यादा है। एक और ने लिखा- व्हाट ए क्यूटी। मोदी जी क्या आप बच्ची का दर्द देख रहे हैं। वो अपने जैसे बहुत से बच्चों की बात आप तक पहुंचा रही है। एक अन्य ने कहा, ऑनलाइन क्लासेज के टार्चर से बचाने के लिए सरकार को कोई ठोस कदम उठाया चाहिए। एक अ्य यूजर ने लिखा- हमें समझना होगा कि कोरोना संकट किस तरह से बच्चों पर कहर ढा रहा है। उन्हें पढ़ाई के लिए उत्साहित होना चाहिए लेकिन बच्चे बोझिल माहौल से पूरी तरह से थकते जा रहे हैं।