कोरोना महामारी के कारण जब ट्रेन और बस सहित यात्रा के तमाम साधन मुश्किल से उपलब्ध हो रहे हैं, ऐसे में झारखंड का रहने वाला एक युवक 12 सौ किलोमीटर का सफर तय कर गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने गवालियर ले गया। इसके लिए उसने स्कूटर से लंबी यात्रा की। उसकी पत्नी को डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) की परीक्षा देनी थी।

जब इस दंपति का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो सरकार भी मदद करने के लिए आगे आई और ग्वालियर जिला प्रशासन ने तुरंत आर्थिक सहायता करते हुए इस आदिवासी दंपति को सुरक्षित वापस झारखंड पहुंचाने की पेशकश की है।

झारखंड के गोंडा जिले के गंटा टोला गांव के निवासी धनंजय कुमार (27) अपनी गर्भवती पत्नी सोनी हेम्बरम (22) को स्कूटर पर बैठा कर डीएड (दूसरा वर्ष) की परीक्षा दिलाने के लिए ग्वालियर आ गया। धनंजय ने बताया कि कोरोना के कारण बसें और ट्रेनें बंद थीं। ऊपर से पत्नी सोनी को छह महीने का गर्भ था, लेकिन उन्होंने स्कूटर से ही यात्रा करने की ठान ली। हालांकि सोनी ने पहले मना किया, लेकिन फिर तैयार हो गई। धनंजय ने बताया कि टैक्सी से वे ग्वालियर आते तो करीब 30 हजार रुपए खर्च होते, जो उनके पास नहीं थे।

उन्होंने कहा कि अभी भी जेवर गिरवी रख कर दस हजार रुपए का इंतजाम किया और दो दिन की यात्रा करके ग्वालियर आ गए। हमारे करीब पांच हजार रुपए एक तरफ की यात्रा में ही खर्च हो गए।

उन्होंने बताया कि रास्ते में तकलीफ तो बहुत हुई। खासतौर से बिहार में क्योंकि वहां बारिश से पहेशानी हुई। रास्ते में गड्ढे में स्कूटर गया तो सोनी को तकलीफ भी हुई, लेकिन धीरे-धीरे स्कूटर चला कर मुजफ्फरपुर और लखनऊ में रात बिताते हुए 30 अगस्त को वे ग्वालियर आ गए। गोंडा से 28 अगस्त को तड़के उन्होंने सफर शुरू किया था।

उन्होंने कहा कि अब यदि किसी की मदद नहीं मिली तो वे जैसे आए थे, वैसे ही स्कूटर से वापस अपने गांव जाएंगे। धनंजय ने बताया कि ग्वालियर के दीनदयाल नगर में उन्होंने 15 दिन के लिए 1500 रुपए में किराए पर एक कमरा लिया है और यहां पद्मा गर्ल्स स्कूल में परीक्षा केंद्र है और पत्नी की परीक्षा 11 सितंबर तक चलेगी। उन्होंने बताया कि वह स्वयं आठवीं पास हैं और एक कैटरर के यहां कुक का काम करते हैं, लेकिन पिछले तीन महीनों से बेरोजगार हैं। पिछले साल दिसंबर में ही सोनी से उनकी शादी हुई थी।

सोनी ने बताया कि पहले तो आने में परेशानी के कारण लगा कि शायद परीक्षा नहीं दे पाएंगी, लेकिन पति की हिम्मत देखकर वह भी तैयार हो गई। हालांकि रास्ते में बारिश के कारण परेशानी हुई, थोड़ा बुखार भी आया, लेकिन अब सब ठीक है और जैसे ही झारखंड में शिक्षकों की भर्ती होगी, वह भी आवेदन करेंगी, और उम्मीद है कि उसका चयन भी हो जाएगा।

उधर, झारखंड के इस दंपत्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ग्वालियर प्रशासन हरकत में आया। ग्वालियर कलेक्टर ने महिला सशक्तिकरण अधिकारी शालीन शर्मा को तुरंत इस दंपति के पास भेजा। शर्मा ने बताया कि फिलहाल रेडक्रास की ओर से दंपति को पांच हजार रुपए दिए गए हैं। इसके साथ वापस सुरक्षित उनके गांव भेजने का प्रस्ताव भी दिया है।

इसके अलावा उनके भोजन और जहां वे रुके हुए हैं, उसकी धनराशि भी प्रशासन देगा। उन्होंने बताया, चूंकि धनंजय की पत्नी गर्भवती है, इसलिए उनका ध्यान रखा जा रहा है। फिलहाल लगातार परीक्षाएं हैं, लेकिन रविवार को उनकी पत्नी का स्वास्थ्य परीक्षण और अल्ट्रासाउंड कराया जाएगा।