जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा शेहला रशीद के खिलाफ कश्मीर में हिंसा भड़काने और राष्ट्रद्रोह के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील आलोक श्रीवास्तव ने शहला के ट्वीट के आधार पर उनके खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज कराया। केस दायर करने वाले वकील ने कहा कि शेहला रशीद भारत और भारतीय सेना की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करने का काम कर रही हैं। वह किसी एजेंडे के तहत भारत-विरोधी लॉबी के लिए काम कर रही हैं।

वकील ने कहा, “उन्होंने अपने आरोपों को लेकर न कई तारीख, न कई ठोस सबूत और न ही किसी का नाम दिया है। उनका एक ही मंसूबा है भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीचा दिखाना। उनके ट्वीट को पहले ही कई सारे विदेशी पत्रकार और अन्य लोग रिट्वीट कर चुके हैं। वह न सिर्फ जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता और महौल खराब करना चाह रही हैं, बल्कि भारत की छवि को भी धूमिल करने का काम कर रही हैं। वह विदेशी एक लॉबी के लिए काम कर रही हैं।” वकील ने कहा, “शेहला रशीद ने अपने ट्वीट के जरिए न सिर्फ भारतीय सेना को बदनाम करने की कोशिश की है, बल्कि हिंसा भड़काने की पूरी कोशिश की है। उसके आरोप आधारहीन हैं। वह भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश कर रही हैं।”

गौरतलब है कि रविवार को शेहला रशीद ने कश्मीर घाटी के मौजूदा हालात के संबंध में 10 ट्वीट किए थे। इन ट्वीट्स में उन्होंने दावा किया था कि घाटी में स्थिति बेहद खराब है। लेकिन, रशीद के इन ट्वीट पर भारतीय सेना ने प्रतिक्रिया दी है और सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। भारतीय सेना ने ट्वीट कर कहा, “शेहला रशीद द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह खारिज और बेबुनियाद हैं। ऐसे बिना सत्यापित और फर्जी खबरें असमाजिक तत्वों और आबादी में हिंसा भड़काने वाले संगठनों द्वारा फैलायी जा रही है।”

शेहला रशीद के ट्वीट्स को लेकर देश के भीतर जहां रोष है वहीं अतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा है। इसी के मद्देनज़र उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराने वाले वकील ने सवाल किया कि शेहला रशीद ने आरोप लगाने से पहले क्यों नहीं कोई ठोस सबूत पेश किए। उन्होंने बिना नाम और जगह के सेना और राष्ट्र के खिलाफ संगीन आरोप लगाए हैं। लिहाजा, उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज कराया गयया है।