जलवायु परिवर्तन को लेकर अपनी बात नहीं सुने जाने को लेकर 8 वर्षीय मणिपुरी पर्यावरविद लिकीप्रिया कंगुजाम ने मोदी सरकार द्वारा दिया गया सम्मान ठुकरा दिया।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम चिल्ड्रन अवार्ड, विश्व बाल शांति पुरस्कार और भारत शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मोदी सरकार की तरफ से ट्विटर पर ट्वीट किया गया था कि क्या लिकीप्रिया कंगुजाम प्रेरणात्मक नहीं है? क्या आप ऐसे किसी को जानते हैं? हमें #SheInspiresUs के साथ बताइए।
सरकार की तरफ से इस ट्वीट पर लिकीप्रिया कंगुजाम ने लिखा ”डियर नरेंद्र मोदी जी अगर आप मेरी बात नहीं सुन सकते तो कृपया आप मेरी तारीफ मत कीजिए। मुझे देश की प्रभावशाली महिलाओं में चुनने के लिए शुक्रिया लेकिन मैंने बहुत सोचने के बाद यह सम्मान ठुकराने का फैसला किया है। जय हिंद।”
Dear @narendramodi Ji,
Please don’t celebrate me if you are not going to listen my voice.Thank you for selecting me amongst the inspiring women of the country under your initiative #SheInspiresUs. After thinking many times, I decided to turns down this honour.
Jai Hind! pic.twitter.com/pjgi0TUdWa
— Licypriya Kangujam (@LicypriyaK) March 6, 2020
हमारे सहयोगी वेबसाइट indianexpress.com से बात करते हुए लिकीप्रिया कंगुजाम ने कहा कि मुझे इस सम्मान के लिए चुना गया मुझे अच्छा लगा लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। “यह (अभियान) उनके लिए एक अच्छी पहल हो सकती है, लेकिन महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को देखते हुए, मुझे नहीं लगता कि यह कुछ भी हल कर सकता है। यह हमारे चेहरे पर एक फेयरनेस क्रीम लगाने जैसा होगा जो साफ करने के बाद नहीं रहता है।

