सातवें वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी सौगात लेकर आया है। आयोग ने वेतन, भत्ते व पेंशन में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि और सैनिकों की तर्ज पर असैन्य कर्मचारियों के लिए भी ‘समान रैंक, समान पेंशन’ की व्यवस्था लागू करने की सिफारिश की है। सिफारिश के मुताबिक केंद्रीय नौकरियों में न्यूनतम मासिक वेतन 18,000 रुपए और अधिकतम 2.5 लाख रुपए प्रतिमाह हो जाएगा। आयोग की सिफारिशें जस की तस लागू करने पर सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपए का सालाना बोझ आएगा। इसमें 28,450 करोड़ रुपए से अधिक का बोझ रेलवे बजट और बाकी 73,650 करोड़ रुपए का बोझ आम बजट पर जाएगा। न्यायमूर्ति एके माथुर की अध्यक्षता वाले आयोग ने गुरुवार को यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपनी सिफारिशें सौंपीं।
ये सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू की जाएंगी और इनसे 47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। इनमें सैन्य बलों के कर्मचारी भी शामिल हैं। अरुण जेटली ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा स्वायत्तशासी निकायों, विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी होगा।
सिफारिशों में कहा गया है कि प्रतिशत के रूप में, वेतन, भत्तों और पेंशन में कुल मिलाकर सामान्य परिस्थितियों में 23.55 फीसद की वृद्धि होगी। इसमें वेतन में 16 प्रतिशत, भत्तों में 63 और पेंशन में वृद्धि 24 फीसद होगी। रेलवे कर्मियों सहित केंद्रीय कर्मचारियों पर सरकार का कुल वेतन व पेंशन खर्च 2016-17 में 4.33 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 5.35 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है। इन सिफारिशों के लागू होने से वेतन, भत्ते व पेंशन पर सरकार का खर्च सकल घरेलू उत्पाद के 0.65 प्रतिशत के बराबर बढ़ेगा, जबकि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में यह वृद्धि जीडीपी के 0.7 से एक प्रतिशत थी।
आयोग ने ‘पे बैंड’ और ‘ग्रेड पे’ की प्रणाली खत्म करने की सिफारिश की है और वेतन में सालाना तीन प्रतिशत की वृद्धि की व्यवस्था को बरकरार रखा है। साथ ही इसने सभी कर्मचारियों के लिए 2.57 के फिटमेंट-फैक्टर लागू करने की सिफारिश की है। आयोग ने अगले साल एक जनवरी से पहले सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों के लिए ‘समान रैंक, समान पेंशन’ का नाम लिए बगैर इसी तरह का पेंशन का एक संशोधित फार्मूला पेश किया है। आयोग के चेयरमैन और एक अन्य सदस्य डाक्टर रतिन राय ने सभी केंद्रीय सशस्त्र बलों में सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल करने की सिफारिश की है पर एक अन्य सदस्य विवेक रे इससे सहमत नहीं थे। उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्राालय के दृष्टिकोण का समर्थन किया है।
इस फार्मूले से पहले और वर्तमान में समान रैंक और समान अवधि की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के पेंशन में समानता आएगी। एक अहम सिफारिश में आयोग ने ग्रैच्युटी निर्धारण में अधिकतम वेतन की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख कर दी है और जब कभी महंगाई भत्ता 50 फीसद तक बढ़ेगा, तो वेतन की अधिकतम सीमा में 25 फीसद की वृद्धि की जाएगी। नए वेतन ढांचे में सातवे वेतन आयोग ने छठे वेतन आयोग की शुरू की गई ‘पे ग्रेड’ व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स (ढांचे) में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का ओहदा अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा।
आयोग ने कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की सिफारिश की है। इस बीच, सीजीएचएस का फायदा नहीं पा रहे पेंशनभोगियों के लाभ के लिए सीजीएचएस को उन अस्पतालों को अपने पैनल में शामिल करना चाहिए जो इन पेंशनभोगियों की नकदीरहित चिकित्सा जरूरतें पूरी करने के लिए सीएस (एमए) ईसीएचएस के तहत पैनल में हैं।
आयोग ने सिफारिश की है कि डाक विभाग के सभी पेंशनभोगियों को सीजीएचएस के दायरे में लाया जाए और सभी डाक डिस्पेंसरीज को सीजीएचएस में समाहित कर दिया जाए। केंद्रीय कर्मियों की सामूहिक बीमा योजना के तहत अंशदान की दर और बीमा का कवरेज उपयुक्त तरीके से बढ़ाया गया है। इसके तहत उच्चतम वेतन स्तर पर मासिक कटौती 120 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 5,000 रुपए और बीमा कवरेज 1.2 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए की गई है।
वेतन ढांचे में सबसे निचले स्तर पर यह कटौती 30 से बढ़ाकर 1500 रुपए और बीमा कवरेज 30,000 से बढ़ाकर 15 लाख रुपए की गई है। आयोग की सिफारिशों के अनुसार, अब कर्मचारियों को बिना ब्याज वाले अग्रिम की कोई सुविधा नहीं मिलेगी और मकान खरीदने के लिए ब्याज वाले अग्रिम की सीमा 7.5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है।
संशोधित सुनिश्चित करिअर प्रगति (एमएसीपी) के तहत आयोग ने प्रस्ताव किया है कि जो कर्मचारी एमएसीपी या प्रथम 20 साल की सेवा के बाद नियमित प्रोन्नति के मानकों को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी। आयोग ने कार्य प्रदर्शन पर आधारित वेतन(पीआरपी) की भी सिफारिश की है जो सभी दर्जे के कर्मचारियों के लिए होगी। इसके लिए, कुछ दिशा-निर्देश लागू होंगे। आयोग ने मौजूदा बोनस योजना को पीआरपी में समाहित करने को कहा है।
आयोग ने विभिन्न परिस्थितियों में कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार के निकटतम व्यक्ति के लिए एकमुश्त मुआवजा की दरों में भी संशोधन का सुझाव दिया है जो रक्षा बलों के कर्मचारियों और असैन्य कर्मचारियों व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मचारियों के लिए समान रूप से लागू होगा। नई पेंशन योजना से जुड़ी शिकायतों को देखते हुए आयोग ने योजना की कार्यप्रणाली में सुधार करने और शिकायत निवारण व्यवस्था करने की सिफारिश की है।
आयोग ने नियामक निकायों के प्रमुखों व सदस्यों के लिए क्रमश: 4.50 लाख रुपए और चार लाख रुपए का मासिक वेतन पैकेज दिए जाने की सिफारिश की है। सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के मामले में आयोग ने कहा कि उनकी पेंशन को, उनके समेकित वेतन से नहीं काटा जाना चाहिए। समेकित वेतन पैकेज 25 प्रतिशत और महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए।
- सरकार को सौंपी सिफारिशें, वेतन, भत्ते, पेंशन में 23.55 फीसद की वृद्धि,
- समान रैंक, समान पेंशन की सिफारिश,
- न्यूनतन वेतन 18 हजार और अधिकतम ढाई लाख होगा,
- सालाना तीन फीस की वृद्धि बरकरार,
- ‘पे बैंड’ और ‘ग्रेड पे’ की प्रणाली खत्म करने की सिफारिश
अन्य सिफारिशें-
- वेतन में वार्षिक वृद्धि तीन प्रतिशत बरकरार,
- पेंशन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश,
- ग्रैच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए, मिलेट्री सर्विस पे (एमएसपी) केवल रक्षा बलों के कर्मचारियों के लिए,
- सैन्य अधिकारियों के लिए एमएसपी 6,000 से बढ़ाकर 15,500 रुपए,
- नर्सिंग सेवा के अधिकारियों के लिए एमएसपी 4,200 से बढ़ाकर 10,800 रुपए,
- 52 तरह के भत्तों को खत्म करने, अन्य 36 को मौजूदा भत्तों में समाहित करने की सिफारिश,
- इन सिफारिशों से 47 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनभोगियों को लाभ,
- जो कर्मचारी एमएसीपी या प्रथम 20 साल की सेवा के बाद नियमित प्रोन्नति के मानकों को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी