7th Pay Commission (CPC) Latest News Today 2021 in Hindi: कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में डॉक्टर और अन्य कर्माचारियों की कमी हो गई है। ऐसे में सरकार ने डॉक्टर और अन्य स्टाफ की बंपर भर्तियां निकाली हैं। सूरत में सिविल अस्पताल की तरफ से बताया गया कि मेडिकल ऑफिसर का वेतन सवा लाख रुपये और कंसल्टेंट डॉक्टर का वेतन ढाई लाख रुपये तय किया गया है। इनको तीन माह के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाएगा। बता दें कि महामारी की भयावहता को देखते हुए इन पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू देने लोग नहीं आ रहे हैं।
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक शनिवार को इंटरव्यू कराए गए। मेडिकल ऑफिसर की 80 जगहों के लिए मात्र 51 लोग ही पहुंचे। वहीं 20 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के लिए मात्र चार ही आए। 400 नर्सिंग स्टाफ की वैकेंसी निकाली गई थी लेकिन मात्र 10 नर्स इंटरव्यू देने आईं।
ग्रेड 4 के लिए 600 पदों पर भर्ती की जानी थी लेकिन इंटरव्यू देने मुश्किल से 500 लोग आए। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों में फिजिशियन, एनेस्थीसिया, पल्मोनरी के डॉक्टरों को भर्ती किया जाना है।
मोटी तनख्वाह देने को तैयार सरकार
सरकार डॉक्टरों को मोटी तनख्वाह देने को तैयार है बावजूद इसके लोग इंटरव्यू देने नहीं पहुंच रहे हैं। कंसल्टेंट डॉक्टर की तन्ख्वाह 2.5 लाख रुपये, मेडिकल ऑफिसर की 1.25 लाख रुपये, डेंटल डॉक्टर की 40 हजार रुपये, होम्योपैथ डॉक्टर की 35 हजार रुपये. आयुर्वेद डॉक्टर की 35 हजार रुपये, टेक्निशियन की 18 हजार रुपये और ग्रेड 4 के कर्मचारियों को 15 हजार रुपये की तनख्वाह देने का फैसला किया गया है।
रेजिडेंट डॉक्टरों ने इसे लेकर नाराजगी भी जताई है। उनका कहना है कि नए भर्ती किए जाने वाले मेडिकल ऑफिसर को सवा लाख रुपये का वेतन दिया जाएगा जबकि कई सालों से सेवा कर रहे और एमबीबीएस रेजिडेंट डॉक्टरों की तनख्वाह 70 से 75 हजार ही है। सिविल अस्पताल में करीब 400 रेजिडेंट डॉक्टर हैं। उनका कहना है कि सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है।