श्रम मंत्रालय ने कहा है कि सरकार का न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने में विलंब का कोई इरादा नहीं है। इस तरह कि खबरें आई थीं कि इस मुद्दे पर तीन साल के कार्यकाल वाले विशेषज्ञ समूह के गठन का मकसद न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन तय करने में विलंब करना है।

इन खबरों के बाद मंत्रालय ने शनिवार को यह स्पष्टीकरण दिया है। इससे पहले इसी महीने मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केंद्र ने इस मुद्दे पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अजित मिश्रा की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है। यह समूह न्यूनतम वेतन और मजदूरी तय करने के लिए तकनीकी जानकारी और सिफारिशें देगा। विशेषज्ञ समूह का कार्यकाल तीन साल का है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘मीडिया के कुछ वर्गों में इस तरह की खबरें आई है कि अंशधारकों का मानना है कि यह सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने में देरी का प्रयास है।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है। विशेषज्ञ समूह जल्द से जल्द सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा।’’ इस बीच वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जोर देकर कहा कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय ग्राहकों की जमा राशि में 2019 से गिरावट आई है। मंत्रालय ने कहा कि वह स्विस अधिकारियों से इस बारे में तथ्य मांग रहा है। साथ ही उनसे 2020 में व्यक्तियों और इकाइयों द्वारा जमा कराई गई राशि में बदलाव की संभावित वजह की भी जानकारी मांगी गई है।

मंत्रालय ने शनिवार को बयान में कहा कि भारतीयों की जमा आधी रह गई है। हालांकि, मंत्रालय ने इस बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के हवाले से 17 जून को खबर दी थी कि भारतीय लोगों और कंपनियों का स्विस बैंकों में जमा धन 2020 में 13 साल के उच्चस्तर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक या 20,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इनमें भारत स्थित शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों के जरिये जमा धन भी शामिल है।

खबरों के अनुसार प्रतिभूतियों और इसी तरह के अन्य माध्यमों के जरिये स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इस दौरान ग्राहक-जमा में कमी आई है। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस आंकड़ों से स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन का कोई संकेत नहीं मिलता है। इसके अलावा आंकड़ों में भारतीयों, एनआरआई या अन्य द्वारा तीसरे देश की इकाई के रूप में जमा धन भी शामिल नहीं है।