केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार (1 जनवरी) को बताया कि विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे लगभग चार हजार सरकारी अधिकारियों को सरकार ने नए साल का तोहफा देते हुए उन्हें पदोन्नति दी है। कार्मिक राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘इनमें से अधिकतर पदोन्नति 10 से 15 साल से भी अधिक समय से या तो मुकदमे अथवा अन्य कारणों से लंबित थी। जहां तक संभव हो, बैकलॉग को हटाने का निर्णय किया गया है… ।” केंद्रीय मंत्री ने संतोष जाहिर करते हुए कहा कि यह मसला उनके बहुत करीब था। सिंह ने पीटीआई से कहा, ‘‘इन कर्मचारियों के लिए यह नए साल का तोहफा है। जब से मैं 2014 में कार्मिक विभाग में आया हूं, मुझे इस बात से बहुत दुख होता था कि हर महीने दर्जनों सरकारी अधिकारी वर्षों से बिना किसी पदोन्नति के ही अवकाश ग्रहण कर रहे हैं ।’’

एक आधिकारिक बयान के अनुसार 3991 अधिकारियों को पदोन्नति दी गयी है । इनमें 1756 अधिकारी केंद्रीय सचिवालय सेवा से हैं जबकि 2235 केंद्रीय सचिवालय स्टेनोग्राफर सेवा के हैं। मंत्री ने बताया कि सेक्शन आफिसर के 584 और अधिकारियों की पदोन्नति पहले से ही प्रक्रिया में है और आने वाले कुछ दिनों में इस संबंध में आदेश जारी कर दिए जायेंगे।

सिंह ने कहा कि यह पदोन्नति निदेशक(122) , डिप्टी सेक्रेटरी (340), निम्न सचिव (300), केंद्रीय सचिवालय और प्रधान सचिव जैसे उच्च स्तरीय पदों के लिए की जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके इस निर्णय से अधिकारियों के कार्य को प्रेरणादायक स्तर तक ले जाने में मदद मिलेगी जिससे सरकार की छवि में पारदर्शिता आएगी।

गौरतलब है कि चुनाव के पहले सरकार सरकारी कर्मचारियों के बीच अपनी छवि को सुधारने का हर मुमकिन प्रयास कर रही है। कभी 7वां वेतन आयोग तो कभी भविष्य निधि खाते में नए-नए विकल्प प्रस्तुत कर सरकार कर्मचारियों को लुभाने में जुटी है। जाहिर है कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने पर सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यालयों में कई नए नियमों के चलते समस्याओं का सामना करना पड़ा था। (भाषा इनपुट्स के साथ)