संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार ने सदन में दिए एक बयान में बताया है कि साल 2020 में गैरकानूनी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत 796 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 80 दोषी करार दिए गए जबकि 116 लोग बरी हुए। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी है।

केंद्र सरकार ने बताया कि यूएपीए के तहत वर्ष 2016 से 2020 के बीच 24,134 लोगों के गिरफ्तार किया गया और इनके खिलाफ सुनवाई हुई, जिनमें 212 लोगों को दोषी करार दिया गया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि इस एक्ट के तहत 386 आरोपियों को विभिन्न अदालतों ने रिहा कर दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से 2020 के दौरान यूएपीए के तहत 5,027 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से अंडर ट्रायल लोगों की संख्या 24,134 थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूएपीए के तहत जिनके खिलाफ मामले चले उनमें से 212 को दोषी ठहराया गया और 386 को बरी कर दिया गया। इन आंकड़ों के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने बरी होने वालों की संख्या का जिक्र करते हुए कानून के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

वहीं, केंद्र सरकार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और आतंकवादी हमलों में भी काफी कमी आई है। हालांकि इस पूर्ववर्ती राज्य में 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के बाद 118 आम नागरिकों मारे गए हैं, जिनमें पांच कश्मीरी पंडित और 16 अन्य हिन्दू व सिख समुदाय के थे।

अगस्त 2019 के बाद घाटी से किसी भी कश्मीरी पंडित का पलायन नहीं हुआ

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह भी कहा कि जम्मू एवं कश्मीर सरकार के विभिन्न विभागों में 5502 कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी दी गई है और अगस्त 2019 के बाद घाटी से किसी भी कश्मीरी पंडित का पलायन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की आतंकवाद के प्रति बिलकुल सहन नहीं की नीति है और जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।