केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन (अर्बन) योजना के तहत पिछले चार साल में 60 लाख घरेलू और चार लाख 50 हजार सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ है। विकास कार्य से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 30 हजार सामुदायिक शौचालय देश के 700 शहरों में मौजूद हैं, जिन्हें गूगल मैप के सहारे भी खोजा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को खुले शौचालय को खत्म करने, मानव द्वारा मल ढ़ाेने की प्रथा को समाप्त करने, शहरों में ठोस अपशिष्ट के वैज्ञानिक प्रसंस्करण को बढ़ावा देने और स्वच्छता को लेकर व्यवहारिक परिवर्तन लाने के उद्देश्यों के साथ स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की थी। इस मिशन के तहत शहरों में किए जा रहे कार्य शहरी विकास मंत्रालय द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि, “स्वच्छ भारत मिशन- शहर का दो प्रमुख लक्ष्य है। पहला, सभी शहरी निकायों को खुले में शौच से मुक्त बनाना और दूसरा, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का 100 प्रतिशत वैज्ञानिक प्रबंधन करना।” अधिकारी के अनुसार, अभी तक घरों में 60.07 लाख और 4.55 लाख सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ है। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी का बजट इस वित्तिय वर्ष के लिए 2500 करोड़ है। अब तक 19 राज्यों का शहरी क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो चुका है। वहीं, 3352 शहर थर्ड द्वारा प्रमाणित करने के बाद खुले में शौच से मुक्त घोषित हो जाएंगे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स की प्रोफेसर डॉ. श्यमला मानी कहती हैं, “नंबर देखने की जगह हमें ओडीएफ के अन्य पहलुओंं पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसमें स्वच्छ और हाईजेनिक शौलाचय शामिल हों।
मंत्रालय ने सितंबर महीने में उसने गूगल के साथ ‘लो रिव्यू’ साझेदारी की घोषणा की थी ताकि देश के सभी लो पब्लिक टॉयलेट को रिव्यू करें और गूगल मैप पर इसकी रेटिंग करें। यह उस फीचर का पार्ट है, जिसके तहत सभी लोग गूगल मैप पर अपने शहर में पब्लिक टॉयलेट को ढ़ूंढ़ सकते हैं। साथ ही उसकी स्थिति को लेकर अपनी प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं। यह अभियान अक्टूबर और नवंबर से शुरू चुका है। मंत्रालय के अनुसार, ‘स्वच्छा एप’ के अभी 13 लाख यूजर्स हैं। वहीं, एक नया बड़ा कदम उठाते हुए मंत्रालय ने अगस्त महीने में ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2019’ लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन का मूल्याकंन पूरे देश के शहरों और गांवों में किया जाएगा।