बिहार में रिक्टर पैमाने पर 5.7 तीव्रता वाले जोरदार भूकम्प के झटकों ने शनिवार शाम लोगों को दहला दिया। भूकम्प का केंद्र नेपाल में काठमांडो के पास था। राहत की बात है कि प्रदेश में कहीं से जान-माल की क्षति की खबर नहीं है। भारतीय मौसम विभाग के निदेशक एके सेन ने बताया कि शनिवार शाम 5.04 बजे राजधानी पटना सहित प्रदेश के मुजफ्फरपुर, मधुबनी, किशनगंज, पूर्वी चंपारण, लखीसराय, मुंगेर जिलों सहित राज्य के अन्य भागों में रिक्टर पैमाने पर 5.7 तीव्रता वाले भूकम्प के झटके महसूस किए गए।

उन्होंने बताया कि शनिवार को आए झटकों की गहराई दस किलोमीटर थी और उसका केंद्र पड़ोसी देश नेपाल में था। सेन ने बताया कि शनिवार सुबह 9.09 बजे भी रिक्टर पैमाने पर 4.8 तीव्रता वाला एक भूकम्प का झटका महसूस किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछली 12 मई को रिक्टर पैमाने पर आए 7.3 तीव्रता वाले भूकम्प के झटके के बाद आम तौर पर इतनी तीव्रता (5.7) वाले भूकम्प के झटके मौसम विज्ञान में विरल हैं।

जोरदार भूकम्प के झटके से घबराए लोग राजधानी पटना सहित प्रदेश के अन्य भागों में अपने-अपने घरों से बाहर सड़कों पर निकल आए। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछली 12 मई को आए भूकम्प में 21 लोगों की जान गई थी। इससे पूर्व पिछली 25 अप्रैल को 7.9 तीव्रता वाले भूकम्प में बिहार में 58 लोगों की मौत हो गई थी।

नेपाल में शनिवार को मध्यम तीव्रता के भूकम्प के झटके महसूस किए गए। नवीनतम 5.5 की तीव्रता के भूकम्प के बाद का झटका सीमापार भारत और बांग्लादेश में महसूस किया गया जिससे नेपाल के लोगों में फिर से दहशत पैदा हो गई। नेपाल में लोग तीन हफ्ते से अधिक समय से खुले में रहने को मजबूर हैं। इससे पहले शनिवार को भूकम्प के सात झटके महसूस किए गए। पिछले मंगलवार को आए भूकम्प में मरने वालों की संख्या बढ़कर 136 हो गई है।

नेपाल सेना की बचाव टीम ने यूएस मरीन कोर यूएच-1 ह्यू का मलबा पर्वतीय ढाल पर शुक्रवार को देखा। यह हेलिकॉप्टर मंगलवार से सिंधुपालचौक जिले में गोरथली गांव के दूर दराज के क्षेत्र में लापता हो गया था। उस समय दूसरा जोरदार झटका आया था। मलबे का पता लगने के तत्काल बाद आठ में से तीन शव मिले गए थे। नेपाल सेना ने बताया कि वियतनाम युद्ध काल के हेलिकॉप्टर के हिस्से करीब 11,200 फुट की ऊंचाई पर बिखरे हुए पाए गए।

नेपाल सेना ने एक बयान में बताया कि दुर्घटना स्थल से सभी आठ शव मिल गए हैं। ये सभी झुलसे हुए हैं और इनकी पहचान नहीं हो पाई है। नेपाल सेना के प्रवक्ता जगदीश पोखरियाल ने बताया कि शवों को जल्द ही काठमांडो भेज दिया जाएगा। हेलिकॉप्टर में नेपाल सेना के दो कर्मी और छह अमेरिकी मरीन सवार थे। ये लोग चरीकोट और दोलाखा जिलों में राहत अभियान के लिए जा रहे थे। ये दोनों जिले भूकम्प से सर्वाधिक प्रभावित हैं। हेलिकॉप्टर सिंधुपालचौक के पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

नेपाल में था भूकम्प का केंद्र
पिछली 12 मई को रिक्टर पैमाने पर आए 7.3 तीव्रता वाले भूकम्प के झटके के बाद आम तौर पर इतनी तीव्रता (5.7) वाले भूकम्प के झटके मौसम विज्ञान में विरल हैं।
-एके सेन, निदेशक भारतीय मौसम विभाग