मुंबई की एक अदालत में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन गवाही देते हुए पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा ने ताज होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों पर हमला करने की साजिश रची थी। हेडली ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उससे कहा था कि वह उनके लिए जासूसी करने के लिए भारतीय सैन्यकर्मियों को नियुक्त करे। हेडली ने कहा कि भारत में आतंकी हमलों के लिए लश्कर ए तैयबा जिम्मेदार है। उसने यह भी बताया है कि पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लश्‍कर ए तैयबा, हिज्‍बुल मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्‍मद को समर्थन दे रही है।

हेडली ने कहा, ‘मैं वर्ष 2006 की शुरुआत में आईएसआई के मेजर इकबाल से लाहौर में मिला था। उन्होंने मुझे भारत की खुफिया सैन्य जानकारी एकत्र करने के लिए कहा था। उन्होंने मुझे जासूसी के लिए भारतीय सेना के किसी आदमी को नियुक्त करने को कहा था। मैंने मेजर इकबाल से कहा था, मैं उनके कहे मुताबिक काम करूंगा।’

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हेडली ने अदालत से कहा, ‘मैं कोर्ट को नहीं बता सकता कि लश्कर ए तैयबा के किस व्यक्ति ने भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के निर्देश दिए थे। वैसे पूरा समूह ही जिम्मेदार था। हालांकि हम यह कयास लगा सकते हैं कि चूंकि लश्कर के अभियानों का प्रमुख जकी-उर-रहमान था, ऐसे में तार्किक तौर पर सभी आदेश उसी की ओर से आए होंगे।’ हेडली ने यह भी कहा, ‘वर्ष 2007 के नवंबर और दिसंबर में लश्कर ए तैयबा ने मुजफ्फराबाद में एक बैठक की थी, जिसमें साजिद मीर और किसी अबु काहसा ने शिरकत की थी। इस बैठक में तय हुआ था कि आतंकी हमले मुंबई में किए जाएंगे।’

हेडली ने कहा, ‘मुंबई के ताज होटल की रेकी का काम मुझे सौंपा गया था। साजिद और कहासा के पास जानकारी थी कि ताज होटल के सम्मेलन कक्ष में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों की बैठक होने वाली है। वे लोग उसी समय हमले की साजिश बनाना चाहते थे।’ उसने कहा, ‘उन लोगों ने ताज होटल की डमी बना रखी थी। हालांकि वैज्ञानिकों की बैठक रद्द हो गई थी।’ हेडली ने कहा कि नवंबर 2007 से पहले, यह तय नहीं था कि भारत में आतंकी हमलों को किस स्थान पर अंजाम दिया जाएगा। 55 वर्षीय हेडली ने आगे कहा कि उसने लश्कर के नेताओं- हाफिज साहब और जकी उर रहमान साहब के साथ इस बात पर चर्चा की थी कि लश्कर ए तैयबा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने और इसे प्रतिबंधित करने के अमेरिकी सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती देना अच्छा रहेगा।’

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