लश्कर-ए-तैयबा के आॅपरेशंस कमांडर जकी-उर रहमान लखवी और छह अन्य पर 2008 के मुंबई हमले में मारे गए 166 लोगों की हत्या का केस चलेगा। हर एक आरोपी पर 166 लोगों की हत्या करने का आरोप होगा। ये फैसला पाकिस्तान की एंटी टेररिज्म कोर्ट ने शुक्रवार को सुनाया है। हालांकि कोर्ट ने संदिग्धों से जिरह करने की इजाज़त नहीं दी।
अभियोजन पक्ष ने दो महीने पहले इस्लामाबाद की अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें गुजारिश की गई थी कि सभी संदिग्धों पर लगे आरोपों में बदलाव किया जाए और सभी पर अलग-अलग हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया जाए। ट्रायल कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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अभियोजन पक्ष की मांग थी कि आरोपों में बदलाव करने से केस मजबूत बनेगा। अभियोजन पक्ष ने केस में मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को भी शामिल करने की अपील की थी। उसका कहना था कि भारत से सभी पीड़ितों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मांगी जाए, जबकि बचाव पक्ष ने इसका विरोध किया था।
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इस केस की पिछले सात तारीखों पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी। अगली सुनवाई 25 मई को होनी है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत पर केस में देरी करने का आरोप लगाया है। पाक अधिकारियों का कहना है कि जबतक भारत प्रत्यक्षदर्शियों को गवाही के लिए पाकिस्तान नहीं भेजता, सुनवाई आगे नहीं बढ़ सकती है।