भारत में हुई जनगणना में पता चला है कि यहां बने कुल घर में 81.3 प्रतिशत घर हिंदू समुदाय के लोगों के हैं। इस लिस्ट में 12.5 प्रतिशत घरों के मालिक मुसलमान बताए गए हैं। वे इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। इसके बाद 2.5 प्रतिशत के साथ ईसाई तीसरे नंबर पर और सिख 1.7 प्रतिशत के साथ चौथे नंबर पर हैं। इसके बाद बौद्ध और जैन धर्म का नंबर आता है।
भारत में 24.88 करोड़ लोगों के पास अपना घर है। जिसमें से 20.24 करोड़ लोग हिंदू हैं। 3.12 करोड़ उनमें से मुस्लिम हैं और इसाईयों की संख्या 63 लाख है। वहीं, 41 लाख सिख और 19 लाख जैन अपने घरों के मालिक हैं।
मोदी सरकार ने 2022 तक हर किसी को अपना घर देने का वादा किया है जो इस आंकड़े को देखते हुए पूरा होता नहीं दिख रहा। 2011 तक भारत की कुल 125 करोड़ आबादी में से 24.88 करोड़ लोगों के पास अपना घर था। जिसमें से 20.24 करोड़ लोग हिंदू थे। 3.12 करोड़ उनमें से मुस्लिम थे और ईसाईयों की संख्या 63 लाख थी। वहीं, 41 लाख सिख और 19 लाख जैन अपने घरों के मालिक थे।
ऐसे में सरकार को आने वाले वक्त में काफी काम काम करना होगा। इस बात का आंकड़ा फिलाहल नहीं है कि 2011-2016 तक के वक्त में कितने घर बने।
यह लिस्ट 2011 में हुई जनणगना से मिले आकड़ों के आधार पर बनाई गई है। लिस्ट में एक चौंकाने वाली बात यह है कि इसाई समुदाए में 17.4 प्रतिशत घरों को महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। यह बाकी धर्मों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। इसाई के बाद 15.9 प्रतिशत के साथ बौद्ध धर्म के लोगों का नंबर आता है। वहीं, जैन धर्म में महिलाओं को घर की मुखिया सबसे कम बनाया जाता है, उनका प्रतिशत 11.5 रहा।