देश में 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा के बाद से अभी तक सरकार के पास आधे नोट वापस लौट चुके हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार (8 जून, 2023) को बताया कि 1.80 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकिंग प्रणाली के जरिए वापस आ चुके हैं। गवर्नर ने लोगों से अपील की है कि आखिरी समय पर जल्दबाजी और भागदौड़ से बचने के लिए पहले ही अपने नोट बैंक में जमा करवा दें।
उन्होंने कहा कि इस साल 31 मार्च तक कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट चलन में थे। उन्होंने कहा, “घोषणा के बाद अबतक 1.80 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ चुके हैं।” उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के करीब 85 फीसदी नोट बैंक खातों में जमा किए जा रहे हैं, जबकि बाकी नोटों को छोटे मूल्य वर्ग के नोटों से बदला जा रहा है।
दास ने पिछले महीने कहा था कि 2000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने के फैसले का अर्थव्यवस्था पर बहुत सीमित असर पड़ेगा। चलन में मौजूद कुल करेंसी में 2,000 के नोट का हिस्सा सिर्फ 10.8 फीसदी है। उन्होंने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की भरपाई के लिए 2000 रुपये का नोट लाया गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि जिस किसी के पास 2000 रुपये का नोट है वह उसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकता है या किसी अन्य मूल्य की मुद्रा से बदल सकता है। बैंकों को 2 000 रुपये का नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर की समयसीमा तक 2000 रुपये के ज्यादातर नोट वापस हो जाएंगे।”
पिछले महीने आरबीआई ने रात के समय यह घोषणा की थी कि 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर किया जा रहा है। लोगों को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है कि वे इस समयसीमा तक बैंकों में 2000 रुपये का नोट जमा करवा सकते हैं। शक्तिकांत दास ने लोगों से यह भी अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने नोट वापस करवा लें वरना आखिर के 10-15 दिनों में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक के पास नोटों के एक्सचेंज के लिए पर्याप्त करेंसी उपलब्ध है। अगर किसी के पास 2000 रुपये के नोट हैं तो वह बैंकों में जाकर इन्हें या तो एक्सचेंज करवा लें या फिर वे इन्हें अपने बैंक अकाउंट में भी जमा कर सकते हैं। एक बार में 20,000 रुपये तक के मूल्य के 2000 के नोट जमा करवाए जा सकते हैं।