इस्लामिक स्टेट की ओर से पिछले सप्ताह जारी की गई डॉक्यूमेंट्री में दिखाई देने वाले दो शख्स इंडियन मुजाहिदीन के भगोड़े हैं जिन्हें खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई है। नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी और खुफिया सेवाओं के सूत्रों ने यह जानकारी The Indian Express को दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में उनके परिवारवालों से बात करने के बाद अबू राशिद अहमद और मोहम्मद बड़ा साजिद की पहचान कर ली गई है। दक्षिण एशियाई जिहादियों पर आधारित इस्लामिक स्टेट की यह पहली डॉक्युमेंट्री है। जिसमें किसी समय ठाणे में इंजीनियरिंग के छात्र रहे अमन टंडेल का साक्षात्कार भी दिखाया गया है। साथ में उसके दोस्तों शाहीम टंकी और फहाद शेख की तस्वीरें भी हैं।
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कई बम धमाकों में अपनी भूमिका के लिए वांटेड इन संदिग्ध आईएम भगोड़ों ने वीडियो में अपने द्वारा अंजाम दी गई आतंकी घटनाओं, भारत से भागने और योजनाओं के बारे में बात की है। एनआईए और कई राज्यों की पुलिस ने आजमगढ़ के पूर्व निवासी राशिद की भूमिका को 2005 से 2008 के बीच इंडियन मुजाहिदीन द्वारा किए गए बम धमाकों में संदिग्ध बताया है। मोहम्मद सज्जाद भी आजमगढ़ का रहने वाला है, उस पर अहमदाबाद और जयपुर में सीरियल ब्लास्ट करने का शक है।
इस्लामिक स्टेट के साथ मिलकर लड़ने वाले आईएम के पूर्व जिहादियों के संगठन अंसार-उल-तौहीद फिलबिलाद-उल-हिन्द ने पिछले साल एक शोक सन्देश जारी कर कहा था कि सज्जाद जंग में मारा गया। खुफिया सूत्रों का कहना है कि सज्जाद का इंटरव्यू उन सुरागों में से एक है जो इशारा करते हैं कि आईएस की यह डॉक्युमेंट्री महीनों की वीडियो फुटेज से बनाई गई है।