Amit Shah Fake Video Case: चुनाव के दौरान गलत इरादे से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फर्जी वीडियो शेयर करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब अहमदाबाद साइबर क्राइम टीम ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए दोनों आरोपी का संबंध आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से है। अमित शाह की 2 सभाओं के वीडियो को काटक एक एजेंडे के तहत वायरल किया गया था।

जिन आरोपियों को अहमदाबाद की साइबर टीम ने अरेस्ट किया है उनका नाम सतीश वनसोला और आर बी बारिया है। सतीश वनसोला कांग्रेस एमएलए जिग्नेश मेवानी का क्षेत्रीय कार्यालय संभालता है। वहीं आर बी बारिया आम आदमी पार्टी के दाहोद जिले का चीफ है। दोनों आरोपियों ने ही सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किए थे।

तेलंगाना के सीएम तलब

बता दें कि इस मामले में दिल्ली पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और मामले की छानबीन में लगी हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब पुलिस की जांच का दायरा केवल एक ही राज्य तक सीमित नहीं है बल्कि यह झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, नागालैंड तक पहुंच चुका है। दिल्ली पुलिस ने इन राज्यों में अलग-अलग टीमों को भेजा है। फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी को भी तलब किया गया है।

फेक वीडियो को शेयर किए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के एक लोकसभा उम्मीदवार को भी नोटिस दिया गया है और पूछताछ के लिए बुलाया गया है। झारखंड में कांग्रेस के एक नेता को भी नोटिस मिला है। पूछताछ के लिए दिल्ली तलब किया गया है। इतना ही नहीं, नागालैंड से भी एक कांग्रेस के नेता को नोटिस भेज पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

अमित शाह ने फर्जी वीडियो केस में क्या कहा

मंगलवार को गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस गलत सूचना फैला रही है कि बीजेपी 400 सीटें पार करने के बाद आरक्षण खत्म कर देगी। उन्होंने कहा कि ये दावे निराधार हैं। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण का समर्थन करती है और हमेशा एक संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाएगी। उन्होंने आगे कहा कि जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली है, वह राजनीति के स्तर को नए निचले स्तर पर ले जाने के लिए काम कर रहे हैं। मेरा मानना ​​है कि फर्जी वीडियो प्रसारित करके जनता का समर्थन पाने का प्रयास निंदनीय है और भारतीय राजनीति में किसी भी प्रमुख पार्टी द्वारा ऐसा कभी नहीं किया जाना चाहिए।

क्या था मामला

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हाल ही में एक वीडियो वायरल होने लगा था। इसके जरिये दावा किया जा रहा था कि शाह बीजेपी की जीत के बाद एससी और एसटी के आरक्षण को समाप्त करने की बात कर रहे हैं। बाद में जाकर यह साफ हो सका कि शेयर किए गए वीडियो को एडिट किया गया है। असली वीडियो साल 2023 में तेलंगाना में दिए गए एक भाषण का था। इसमें गृहमंत्री मुस्लिम कोटे को समाप्त करने की बात कर रहे थे।