Gujarat University Attack: गुजरात विश्विद्यालय के हॉस्टल कैंपस में शनिवार रात विदेशी छात्रों से हुई मारपीट के मामले में दो लोगों को अरेस्ट किया गया है। दोनों युवक अहमदाबाद के रहने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने अहमदाबाद के सोला के रहने वाले हितेश मेवाड़ा और वस्त्राल के भरत पटेल को गिरफ्तार किया है। आगे की कार्रवाई के लिए दोनों आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गुजरात विश्विद्यालय को सौंप दिया है।
विदेशी स्टूडेंट्स से मारपीट के मामले में विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कल अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय में हिंसा की घटना हुई। राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि संघर्ष में दो विदेशी छात्र घायल हो गए। उनमें से एक को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
नमाज अदा करने पर मारपीट
अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने कहा कि यह घटना शनिवार रात को हुई जब कुछ 20-25 लोग अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय के एक हॉस्टल परिसर में घुस गए और वहां विदेशी छात्रों द्वारा नमाज अदा करने पर आपत्ति जताई और उन्हें एक मस्जिद में जाने के लिए कहा। इसके बाद उन पर हमला किया और पत्थर भी फेंके। उन्होंने कहा कि एक स्टूडेंट श्रीलंका से है और दूसरा ताजिकिस्तान से है।
विदेशी स्टूडेंट्स से हुई मारपीट मामले के इंचार्ज डीसीपी तरुण दुग्गल ने कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए 9 टीमें बनाई गई हैं और 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल दो आरोपियों को पकड़ लिया है और अन्य आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी स्टूडेंट्स का हॉस्टल परिसर स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड डायस्पोरा के अंतर्गत आता है। इसके को-ऑर्डिनेटर को पद से हटा दिया गया है। इसके इतर विदेशी छात्र जिस हॉस्टल में रह रहे थे उन्हें दूसरे हॉस्टल में भेजा जाएगा।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री ने मीटिंग बुलाई
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सिंघवी ने मामले को लेकर एक बैठक बुलाई थी। उन्होंने डीजी और सीपी को तुरंत एक्शन लेने का निर्देश दिया। गुजरात यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, सीरिया और अफगानिस्तान के बच्चे रहकर पढ़ाई करते हैं। वहीं, हॉस्टल में रहने वाले दूसरे विदेशी छात्रों ने कहा कि हम यहां पर पढ़ाई करने के लिए आते हैं। अगर ऐसे ही हालात हैं तो सरकार हमारे वीजा को मंजूर ही ना करे। उन्होंने कहा कि हम यहां पर अलग-अलग त्योहारों में हिस्सा लेते हैं, सब हमारे भाई ही हैं लेकिन हमने यह उम्मीद नहीं की थी।