एक रिपोर्ट में राजनेताओं द्वारा चुनाव आयोग में दिए जाने वाले हलफनामे में बड़ी धांधली का खुलासा हुआ है। दरअसल इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2006 से 2016 के बीच 23 राज्यों में हुए विभिन्न चुनावों में राजनेताओं ने चुनाव आयोग को अपने पैन कार्ड (PAN (Permanent Account Number)) की फर्जी डिटेल्स दीं। माना जा रहा है कि पैन कार्ड की फर्जी डिटेल्स अपनी सही इन्कम ना दिखाने और अपनी कमाई में हुए अप्रत्याशित उछाल को छिपाने के उद्देश्य से दी गईं। कोबरापोस्ट ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है और इस रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग में अपने पैन कार्ड की फर्जी डिटेल्स देने वाले नेताओं की संख्या 194 है। जिन 194 नेताओं के पैन कार्ड में धांधली की गई है, उनमें 6 पूर्व मुख्यमंत्री, 10 मौजूदा मंत्री, 8 पूर्व मंत्री और 54 मौजूदा और 102 पूर्व विधायक शामिल हैं।
बता दें कि भारतीय कानून के मुताबिक एक उम्मीदवार, जो कि चुनाव लड़ रहा है, उसे चुनाव आयोग को उसके खिलाफ चलने वाले आपराधिक मामलों और कितने मामलों में उसे दोषी करार दिया गया, इसके साथ ही अपने आर्थिक स्त्रोतों की भी पूरी और सही जानकारी देनी होती है। उम्मीदवार अपनी आर्थिक स्थिति की जानकारी देने के लिए चुनाव आयोग में इन्कम टैक्स विभाग द्वारा जारी पैन कार्ड की डिटेल्स देते हैं। उल्लेखनीय है कि उम्मीदवार द्वारा दी गई जानकारी गलत पाए जाने पर पीपल्स एक्ट, 1951 के मुताबिक चयन के बाद भी नेता की कुर्सी जा सकती है। इस रिपोर्ट में एक उल्लेखनीय बात निकलकर सामने आयी है कि चुनाव आयोग उम्मीदवारों द्वारा अपने हलफनामे में दी गई जानकारियों की सत्यता की पुष्टि भी नहीं करता है, जिसका उक्त नेताओं द्वारा जमकर फायदा उठाया गया।
अपने चुनावी हलफनामे में पैन कार्ड की गलत डिटेल्स देने वाले नेता 29 बड़ी छोटी अलग-अलग पार्टियों से ताल्लुक रखते हैं। इन पार्टियों में कांग्रेस, भाजपा, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा जैसी कई पार्टियां शामिल हैं। यहां कांग्रेस सबसे आगे है, जिसके 72 नेताओं ने अपने हलफनामे में दी गई पैन कार्ड की डिटेल्स में गड़बड़ी की है। दूसरे नंबर पर भाजपा का नाम है, जिसके 41 नेता इस लिस्ट में शामिल हैं। राज्यवार बात की जाए तो उत्तर प्रदेश से ऐसे 26 मामले सामने आए हैं। वहीं मध्य प्रदेश, बिहार और असम से क्रमशः 17, 15, 13 मामले सामने आए हैं। इनके बाद उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान का नाम है, जिनके क्रमशः 14, 12 और 11 मामले हैं।
पैन कार्ड में फर्जी डिटेल्स देने वाले भाजपा नेताओं में 13 मौजूदा और 14 पूर्व विधायकों का नाम है। इनके अलावा 9 मंत्री, एक डिप्टी स्पीकर, एक पूर्व मंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक गवर्नर का नाम शामिल है। वहीं कांग्रेस के 13 विधायक, 48 पूर्व विधायक, 1 मंत्री, 5 पूर्व मंत्री, 4 मुख्यमंत्री, एक डिप्टी स्पीकर के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। सपा के 11 पूर्व विधायक और एक मौजूदा विधायक का नाम इस लिस्ट में है। बसपा की बात करें तो इस पार्टी के 1 मौजूदा विधायक और 7 पूर्व विधायकों ने अपने चुनावी हलफनामे में पैन कार्ड की डिटेल्स में गड़बड़ी की है।