दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की 17 लो फ्लोर एसी बसें गुरुवार को डिपो में लगी आग में पूरी तरह जल गई। इस मामले की जांच का आदेश दे दिया गया है। डीटीसी ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। साथ ही दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह आग लगने की कारणों की जांच कर सकती है। यह घटना तड़के दक्षिणी दिल्ली के आंबेडकर नगर डिपो की है। इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। घटनास्थल पर पुलिस और इसके आला अफसर भी पहुंच गए। पुलिस ने डीटीसी डिपो में घटना के वक्त मौजूद स्टाफ से पूछताछ करके बयान दर्ज किए। हादसे के पीछे साजिश से फिलहाल पुलिस इनकार नहीं कर रही है क्योंकि आसपास शॉर्ट सर्किट का जरिया नहीं है।

आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। अग्निशमन विभाग का कहना है कि आग लगने की खबर गुरुवार तड़के करीब तीन बज कर 20 मिनट पर मिली और इसके तत्काल बाद मौके पर 11 अग्निशमन वाहनों को भेजा गया। विभाग ने कहा कि डिपो के निकट एक सीएनजी स्टेशन है और उसमें भी आग लग गई। डीटीसी के प्रवक्ता आरएस मिनहास के मुताबिक इस आग में 17 बसें जलकर खाक हो गईं। इस डिपो में 100 से अधिक एसी और गैर एसी बसें खड़ी थीं। एसी बसों को कुछ साल पहले खरीदा गया था।

जानकारी के मुताबिक, एक एसी बस की कीमत 60 लाख रुपए से अधिक है। आग लगने के तत्काल बाद दूसरी बसों को डिपो से बाहर निकाल दिया गया। अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हम सुबह करीब पांच बज कर 15 मिनट पर आग बुझा पाए। आग में जो 17 बसें खाक हुई हैं उनमें अलग अलग रूट की हैं। करीब 10 करोड़ से ज्यादा का नुकसान बताया जा रहा है। चश्मदीदों की माने तो परिसर में सीएनजी पंप भी है। लेकिन यहां तक आग की लपटें पहुंचने से पहले इसे बुझा लिया गया। इससे और भी खतरनाक हादसा हो सकता था।