मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल मंडला जिले में पशु तस्करी पर कार्रवाई के बाद 11 घरों को ढहा दिया गया। इन घरों को गिराने के बाद अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पहले भी नोटिस जारी कर दिए थे और जवाब देने के लिए काफी समय भी दिया गया था। मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी जमीन पर बने मकानों को ढहा दिया था, क्योंकि पुलिस ने दावा किया था कि वहां पर गोमांस, जानवरों की खालें और गोवंश के कंकाल भी मिले हैं। पुलिस ने मंडला के नैनपुर थाने में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

घटना शनिवार को नैनपुर के भैंसवाही गांव की है। पुलिस ने घर पर दबिश देकर 11 आरोपियों में से एक को अरेस्ट भी कर लिया है। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है। गिरफ्तार वाहिद कुरैशी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि 5 से 6 आरोपी पहले भी पशु तस्करी में शामिल रहे हैं।

आरोपियों के घर को ढहाया

घर ढहाने की कार्रवाई पर मंडला के एसपी रजत सकलेचा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ये घर 15 हजार वर्ग फीट सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि यह जमीन अधिकारियों ने जानवरों के चरने के लिए छोड़ दी थी। एसपी ने यह भी बताया कि रेवेन्यू टीम ने इस अतिक्रमण को लेकर कुछ समय पहले ही नोटिस भेज दिया था। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को जवाब देने के लिए मौका भी दे दिया गया था। इसके बाद अधिकारियों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज कर दिया और 11 घरों को ढहा दिया। नैनपुर एसडीएम सोनल सिडाम ने कहा कि अवैध रूप से अतिक्रमण को लेकर पहले भी यहां पर एक मामले चल रहा था। शनिवार को रेवेन्यू डिपार्टमेंट की टीम ने इसे हटाने की कार्रवाई की।

सर्च ऑपरेशन में आरोपियों के पास से क्या-क्या मिला

जानवरों की तस्करी के आरोपों पर एसपी ने कहा कि गांव में पहले भी पशु तस्करी के मामले 5 से 6 मामले सामने आ चुके हैं। इस गांव में पुलिस लगातार गश्त करती रहती है। इस बार हमको एक इनपुट मिला और हमने वरिष्ठ अधिकारियों की तीन टीमों के साथ जाने का फैसला कर लिया। इसके बाद बड़े पैमाने पर इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। 11 घरों में हमने उनके फ्रिज से गोमांस, 100 से ज्यादा जानवरों की खालें और कई कंकाल बरामद किए। हमें छोटे-छोटे घरों में 150 जिंदा गायें भी मिलीं। एसपी ने कहा कि भैंसवाही इलाका पिछले कुछ टाइम से गौतस्करी का अड्डा बन गया है।

पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि मांस का इस्तेमाल खाने के लिए किया जाना था। वहीं, खाल को जबलपुर में चमड़ा बनाने के लिए व्यापारियों को बेचा जाना था। मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि कथित पशु तस्करी का यह गिरोह मंडला और जबलपुर के बीच चल रहा था। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी का रिश्तेदार जबलपुर में इस धंधे में शामिल था। हड्डियों का इस्तेमाल सप्लीमेंट के लिए किया जाना था।

नैनपुर एसएचओ इंदर बलदेव ने कहा कि वे आरोपियों के ठिकाने का पता लगाने की भरसक कोशिश में जुटे हुए हैं और अपने सोर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता था कि उस इलाके में कुछ गोहत्या के मामले थे। इनमें से दो आरोपी दमोह के हैं। वहीं, बाकी के स्थानीय लोग ही हैं। वह बेरोजगार हैं और इस पेशे में करीब 15 साल से काम कर रहे हैं।

सीएम मोहन यादव ने 2024 को गौवंश रक्षा वर्ष मनाने का फैसला किया

इंदर बलदेव ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने जानवरों के बाजार से पशु खरीदे और उन्हें मंडला और जबलपुर में बेचने की कोशिश की। मध्य प्रदेश में राज्य में स्थानीय पुलिस को गौतस्करी और हत्या पर नकेल कसने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। सीएम मोहन यादव ने 2024 को गौवंश रक्षा वर्ष मनाने का फैसला किया है। इस एक्शन पर बोलते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि गाय के साथ हो रही क्रूरता को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंडला जिले के भैंसवाही गांव में पुलिस ने कार्रवाई कर करीब 150 गायों को बचाया। आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं अतिक्रमण को भी हटाया गया है।