भारी बारिश के कारण श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के संगम इलाके में आज झेलम नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के कारण आपात उपायों के तहत एनडीआरएफ की 100 सुरक्षाकर्मियों की दो टीमों को जम्मू कश्मीर के लिए रवाना किया गया है।
जम्मू कश्मीर: झेलम नदी ख़तरे के निशान से ऊपर, घाटी में बाढ़ का ख़तरा
पंजाब के बठिंडा से 50-50 कर्मियों वाले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें भारतीय वायुसेना के विमान से श्रीनगर के लिए रवाना हुईं। एनडीआरएफ के महानिदेशक (डीजी) ओ. पी. सिंह ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कश्मीर घाटी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए हमने पहले से ही हमारी दो टीमें तैनात कर दी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गाजियाबाद और बठिंडा में चार अन्य टीमों को भी तैयार रखा गया है।’’
डीजी ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और राज्य सरकार बाढ़ की संभावित स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती सहित सारे प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल बाढ़ की आशंका नहीं दिखती। कश्मीर घाटी के इलाकों में कहीं कहीं जलजमाव हुआ है। अच्छी खबर यह है कि राज्य में पिछले कुछ घंटों से बारिश नहीं हुई है।’’ बहरहाल, मौसम विभाग ने अगले दो तीन दिनों में बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
डीजी ने बताया, ‘‘हालात बुरे नहीं हैं और हम सभी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।’’ सिंह ने कहा कि जिन टीमों को रवाना किया गया है वे बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं के मुताबिक संचार के साधनों, राहत और बचाव के उपकरणों से लैस हैं।
पिछले साल बाढ़ से जलमग्न हुए कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर हुए राहत और बचाव अभियानों में अन्य सुरक्षा बलों के साथ एनडीआरएफ ने अहम भूमिका निभाई थी। राज्य के इतिहास में यह अब तक की सबसे भीषण बाढ़ थी।
बाद में गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कश्मीर में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वहां भेजी गईं एनडीआरएफ की टीमें हवा भरी 16 रबड़ की नौकाएं, गोताखोरी के चार सेट, 80 जीवन रक्षक जैकेट, पानी में तैरने में मदद करने वाली 80 जीवन रक्षक सामग्री, दो सैटेलाइट फोन और अन्य जरूरी उपकरण लेकर गई हैं ।
बयान के मुताबिक, ‘‘अभियान की आगे की योजना के लिए उच्चस्तरीय मुख्यालय को स्थिति पर मिनट दर मिनट की जानकारी देने के साथ उनसे संपर्क बनाने के मद्देनजर इन टीमों को सैटेलाइट फोन सहित वी-सैट, एचएफ और वीएचएफ संचार साधनों जैसे अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है।’’