विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ पदाधिकारी प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि ‘विहिप का मत है कि देश के सभी सौ करोड़ लोग संगठन के पूर्व संरक्षक (दिवंगत अशोक सिंघल) के उत्तराधिकारी हैं।’ तोगड़िया ने यह बात पिंक सिटी प्रेस क्लब में संवाददाताओं द्वारा मीडिया में आई उन खबरों की ओर ध्यान आकृष्ट किए जाने पर कही जिनमें केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कथित तौर पर स्वयं कोे अशोक सिंघल का उत्तराधिकारी बताया है। विहिप नेता ने कहा कि कुछ लोग बोलकर अपने को उत्तराधिकारी बता रहे हैं और कुछ लोग मौन रहकर स्वयं को अशोक सिंघल का उत्तराधिकारी बता रहे हैं।
तोगड़िया ने कहा कि श्रीराम मंदिर को लेकर चल रहे तमाम मुकदमों को निरस्त कर मंदिर निर्माण का कानून बनाना और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जाना ही अशोक सिंघल को श्रद्वाजंलि होगी। उन्होंने कहा ‘सिंघल जी को लग रहा था कि राम मंदिर उनके सामने (रहते हुए) बन जाएगा। मुझे विश्वास है कि अच्छे दिन आएंगे। समान नागरिक संहिता और श्रीराम मंदिर का काम पूरा होगा। मैं अच्छे दिन के लिए आशावादी हूं।’
विहिप नेता तोगड़िया ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि उन्हें अच्छा लगता है कि गाय के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत उनकी भाषा बोलने लगे हैं। असहष्णिुता के मुददे पर विहिप नेता ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है इसलिए मैं इस बारे में अधिक कुछ नहीं कहूंगा। उनके मुताबिक, अच्छा होता अगर यह लोग हिंदुओं के लिए भी आवाज उठाते।
जयपुर में दिवंगत अशोक सिंघल की श्रद्वाजंलि सभा में भाग लेने आए तोगड़िया ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार के मुद्दे पर कहा कि जहां तक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण बयान को लेकर बातचीत की जा रही है तो क्या दाल दो सौ रुपए किलो मोहन भागवत जी ने की? ‘बिहार में हार की क्या वजह रही, यह तो भाजपा बताएगी। मैं नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनने की शुभकामना दूंगा और यह भी कहना चाहता हूं कि वह राज्य में सभी को शिक्षा देने और बेरोजगारों को रोजगार देने का प्रबंध करें।’
उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि वह इस पक्ष में हैं कि अनुुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, ठाकुर, ब्राह्मण समेत सभी को शिक्षा, रोजगार और चिकित्सा मिले। लेकिन यह किस पद्वति से मिले, इसमें कुछ भिन्नता हो सकती है। लेकिन सभी को यह सुविधा मिलनी चाहिए। मौजूदा समय में आरक्षित वर्ग को भी यह सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
तोगड़िया ने कहा कि देश की आर्थिक व्यवस्था विफल हुई है। नौकरी के लिए 300 पदों पर 33 हजार आवेदन आ रहे हैं। यह स्थिति गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश की है। अन्य राज्यों में भी कमाबेश यही हालात है। केंद्र व राज्यों की सरकारे इस दिशा में विफल रहीं है और देश में इन मुद्दों को लेकर आक्रोश फैल रहा है लेकिन निर्णय करने वाले राजनेता इससे चिंतित नहीं है जिसे लेकर मुझे चिंता है।