मुंबई: महाराष्ट्र में आज देवेंद्र फड़नवीस को भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया और वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष फड़नवीस के नाम को निवर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एकनाथ खडसे ने प्रस्तावित किया और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष विनोद तावड़े एवं पार्टी के कोर समूह के सदस्यों सुधीर मुंगंतीवार तथा पंकजा मुंडे ने इसका अनुमोदन किया।
पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों ने विधायक दल के नेता के तौर पर 44 वर्षीय फड़नवीस के नाम के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा भी उपस्थित थे। सिंह और नड्डा को विधायक दल के नेता के चुनाव की प्रक्रिया की निगरानी के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था।
फड़नवीस तथा राज्य भाजपा की कोर कमेटी के दूसरे सदस्य आज शाम 6:30 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात करेंगे तथा सरकार बनाने का दावा औपचारिक रूप से पेश करेंगे।
फड़नवीस के नेतृत्व में नई सरकार मुंबई के वानखड़े स्टेडियम में शपथ लेगी और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी कैबिनेट के कई सदस्य तथा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित होंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने की पृष्ठभूमि वाले फड़नवीस को प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का समर्थन है। वह राज्य विधानसभा के चुनाव में भाजपा के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद से मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, हालांकि पार्टी के कुछ दूसरे वरिष्ठ नेताओं की निगाहें भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर थीं।
बहरहाल, भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने यह सुनिश्चित किया कि नागपुर से चार बार से विधायक चुने जा रहे फड़नवीस का सभी समर्थन करें। फड़नवीस साफ-सुथरी छवि के नेता माने जाते हैं।
उत्तर महाराष्ट्र में भाजपा के कद्दावर नेता खड़से, मुख्यमंत्री पद के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नाम की पैरवी करने वाले मुंगंतीवार तथा भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की पुत्री पंकजा मुंडे ने या तो फड़नवीस के नाम का प्रस्ताव दिया या फिर इसका अनुमोदन किया।
मराठा राजनीति और नेताओं के दबदबे वाले राज्य महाराष्ट्र में फड़नवीस दूसरे ब्राह्मण मुख्यमंत्री होंगे। इससे पहले शिवसेना के मनोहर जोशी ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने थे।
चुनावी रैली में मोदी ने फड़नवीस को ‘देश को मिला नागपुर का उपहार’ का करार दिया था। फड़नवीस ने राज्य में भाजपा की उस वक्त अगुवाई की है जब लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया।
महाराष्ट्र में इस साल लोकसभा के चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने 48 में से 42 सीटों पर कब्जा जमाया। भाजपा को 23 और शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं।
विधानसभा चुनाव से ऐन पहले दोनों दलों का गठबंधन टूट गया। भाजपा ने अकेले चुनाव लड़ते हुए 288 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें जीतीं और सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आई।
फड़नवीस ने जिस तरह से चुनाव अभियान को संभाला उसको लेकर मोदी और शाह दोनों ने उनकी तारीफ की। वह एक छोटे मंत्रिमंडल के साथ शपथ ले सकते हैं।
उधर, शिवसेना के साथ भाजपा की कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है, हालांकि शिवसेना ने भाजपा नीत सरकार में शामिल होने की इच्छा जताई है।
शरद पवार की राकांपा पहले ही भाजपा को सरकार के गठन में बाहर से समर्थन की पेशकश कर चुकी है तथा उसने कहा है कि वह विधानसभा में भाजपा के बहुमत साबित करते समय सदन से अनुपस्थित रहेगी।
कहा जा रहा है कि शिवसेना के साथ भाजपा की परदे के पीछे बातचीत चल रही है और उद्धव ठाकरे की पार्टी बाद में भाजपा नीत सरकार का हिस्सा बन सकती है।
भाजपा से निकटता स्थापित करने का एक और प्रयास करते हुए शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ‘‘शिवसेना और भाजपा का ब्लड ग्रुप एक है। हमने सरकार में शामिल होने के लिए कोई शर्त नहीं रखी है।’’