शामली के तकरीबन 76,500 किसानों ने जिले की तीन मिलों को करीब 193.11 लाख कुंतल गन्ना सप्लाई किया है। राज्य सरकार के मूल्य के अनुसार गन्ने की कुल कीमत 538.46 करोड़ रुपए बैठती है, लेकिन तीनों मिलों ने मिलाकर अभी तक सिर्फ 240.70 करोड़ रुपयों का ही भुगतान किया है। यानी सिर्फ एक जिले से ही करीब 300 करोड़ रुपए का भुगतान लम्बित पड़ा हुआ है।
मोहकाम सिंह उन किसानों में से एक हैं जिनका भुगतान चीनी मिलों ने लटका रखा है। 70 साल के मोहकाम कहते हैं, ”नेता लोग पलायन का मुद्दा उठा रहे हैं। यहां गन्ना किसान पिस रहा है, मगर भुगतान के आरे में कोई जिक्र नहीं हो रहा है।”

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शामली फिलहाल भाजपा सांसद हुकुम सिंह के आरोपों की वजह से चर्चा में है। सिंह ने आरोप लगाया था कि जिले के मुस्लिम बहुल इलाकों- कैराना और कांधला से बड़ी संख्या में हिन्दू परिवार पलायन कर रहे हैं।