योगा करते समय लोग अक्सर इस बात को लेकर कंफ्यूस्ड रहते हैं कि उन्हें कौन से आसन करने चाहिए। क्योंकि योग में कई सारे आसन हैं और सभी कर पाना संभव नहीं इसलिए यह जानना जरूरी है कि शुरुआत में कौन से योगासन आपके लिए बेहतर होंगे। कई योगासन ऐसे भी हैं जिन्हें आप लंबे समय तक प्रयास करने के बाद ही कर पाते हैं। बिना प्रयास के उन्हें कर पाना संभव नहीं और अगर आप ऐसा करते हैं तो उस कोशिश में आप खुद को चोटिल भी कर सकते हैं। इसलिए योगा की शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो शुरुआत इन आसनों से होना जरूरी है।
ताड़ासन- इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। फिर दोनों हाथों को सांस भरते हुए ऊपर उठाएं। हाथ ऊपर उठाने के साथ-साथ एड़ियां भी उठाएं और शरीर का वजन पंजों पर डालें। शरीर ऊपर की ओर पूरी तराह से तना होना चाहिए। कुछ देर इसी मुद्रा में रुकने की कोशिश करें।
वृक्षासन- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद अपना दाहिना पैर अपने बाएं पैर की जंघा पर रखिए। बैलेंस बनाए रखने की कोशिश करें। सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर ले जाते हुए जोड़ लें। जितनी देर संभव हो बैलेंस बनाते हुए इसी मुद्रा में सीधे रहें। इसके बाद नीचे आने के लिए पहले दोनों हाथ नीचे लाएं, फिर पैर को जमीन पर टिकाएं।
त्रिकोणासन- इसे करने के लिए दोनों पैरों के बीच में लगभग डेढ़ फुट का गैप रखकर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथ कंधों के बराबर खोलें। अब सांस अंदर भरते हुए बाएं हाथ को सामने से लेते हुए दाएं पैर के पंजे के पास जमीन पर लगाएं। इस मुद्रा में आपका दूसरा हाथ ऊपर आसमान की तरफ और गर्दन भी ऊपर की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद सांस छोड़ते हुए पूर्व शुरुआती पोजिशन में आ जाएं और इसी प्रक्रिया को दूसरी साइड के लिए भी दोहराएं।
बालासन- यह आसन आपको काफी रिलैक्सिंग पोजिशन देता है और इसे करना काफी आसान है। इसे करने के लिए जमीन पर अपनी ऐड़ियों के बल पर बैठ जाएं और शरीर के ऊपरी हिस्से का वजन अपनी जंघाओं पर डाल दें। इसके बाद आगे की ओर झुकते हुए सिर को जमीन पर लगाएं फिर हाथों को सिर के ऊपर से निकालते हुए, हथेलियों को ज़मीन पर लगा दें। इसके बाद अपने हिप्स को ऐड़ियों की ओर ले जाएं और इस अवस्था में 2 मिनट तक रहने का प्रयास करें।
भुजंगासन- इसे करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। अपनी हथेलियों को जमीन पर टिकाते हुए कमर तक के हिस्सों को ऊपर उठाएं और सिर को जितना संभव हो उतना पीछे लेकर जाएं या फिर सीधा रखें। कोहनियों को मुड़ने न दें। वहीं पैरों के बीच अंतर रखें। सांस छोड़ते हुए वापिस जमीन पर आ जाएं।
