World Introvert Day 2024 History: आज यानी 2 जनवरी के दिन को दुनियाभर में ‘अंतर्मुखी दिवस’ यानी ‘वर्ल्ड इंट्रोवर्ट डे’ के तौर पर मनाया जाता है। जैसा की नाम से साफ है, ये दिन खासकर इंट्रोवर्ट लोगों के लिए है। साल 2011 में पहली बार आज ही के दिन इसकी शुरुआत की गई थी। लेकिन इसके लिए 2 जनवरी की तारीख ही क्यों तय की गई, किसने इस दिन को मनाने की पहल की और असल में इंट्रोवर्ट लोग होते कौन हैं और ये शब्द कहां से आया है, आइए जानते हैं इसके बारे में-
किसने और क्यों की थी शुरुआत? (World Introvert Day 2024 History)
जानकारी के मुताबिक, साल 2011 में जानी-मानी जर्मन साइकोलॉजिस्ट और राइटर फेलिसिटास हेने ने वर्ल्ड इंट्रोवर्ट डे को मनाने की शुरुआत की थी जबकि साल 1920 में कार्ल जंग नाम के एक मनोवैज्ञानिक ने इंट्रोवर्ट और एक्सट्रोवर्ट शब्दों का उपयोग करना शुरू किया। वहीं, इस दिन को मनाने का एकमात्र मकसद दुनिया को इंट्रोवर्ट लोगों के बारे में जागरूक करना और उनकी खासियत बताना था। गौरतलब है कि आज भी अधिकतर लोग इंट्रोवर्ट होने को किसी विकार की तरह देखते हैं या ऐसे लोगों को बीमार या समाज से अलग माना जाता है। इसी सोच को लेकर हेने ने इंट्रोवर्ट लोगों के लिए एक खास दिन को मनाने की पहल की।
क्यों चुनी गई 2 तारीख?
फेलिसिटास हेने का मानना था कि 25 दिसंबर यानी क्रिसमस से लेकर 1 जनवरी यानी न्यू ईयर तक की लंबी छुट्टियां मनाने के बाद 2 तारीख के दिन इंट्रोवर्ट लोगों को बिजी सोशल लाइफ से आराम करने का मौका मिलता है। ऐसे में ये दिन खासकर उनके लिए ही रखा गया।
कौन होते हैं इंट्रोवर्ट?
आमतौर पर माना जाता है कि जो लोग अधिक शर्मीले होते हैं या जिन्हें भीड़ से दूर अकेले में समय बिताना ज्यादा अच्छा लगता है, वो इंट्रोवर्ट होते हैं। हालांकि, इंट्रोवर्ट लोगों के दिमाग की स्थिति को लेकर किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे लोगों में ब्रेन कैमिकल और मैंसेंजर भी अलग तरह से व्यवहार करता है। इंट्रोवर्ट लोगों का दिमाग, एक्स्ट्रोवर्ट लोगों की दिमाग की तुलना में डोपामाइन पर अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है।
बता दें कि डोपामाइन हार्मोन मस्तिष्क को कई कार्यों जैसे मूवमेंट, स्मृति, अटेंशन, मूड, मोटिवेशन और कई अन्य कार्यों में मदद करता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैसे तो इंट्रोवर्ट और एक्सट्रोवर्ट दोनों प्रकार के लोगों में इस रसायन की मात्रा समान होती है, लेकिन इंट्रोवर्ट लोगों को इससे अधिक लाभ मिलने की संभावनाएं होती हैं। शोध के नतीजों के मुताबिक, इंट्रोवर्ट लोगों के फ्रंटल लोब में रक्त का प्रवाह अधिक होता है। फ्रंटल लोब दरअसल, मस्तिष्क का वह हिस्सा होता है जो आपको चीजों को याद रखने, समस्याओं को हल करने और आगे की योजना बनाने में मदद करता है। यानी इंट्रोवर्ट लोग बाकी लोगों की तुलना में अधिक गुणवत्ता के साथ चीजों को बेहतर ढंग से डील करने में सक्षम होते हैं। हालांकि, क्योंकि वे ज्यादा लोगों के साथ घुल-मिल नहीं पाते हैं, इसके चलते अक्सर या तो उन्हें बीमार समझ लिया जाता है या नजरअंदाज कर दिया जाता है।
कैसे करें इंट्रोवर्ट लोगों से डील?
- अगर आपका दोस्त या पार्टनर इंट्रोवर्ट है, तो सबसे पहले उन्हें अपने साथ कंफर्टेबल महसूस करने की कोशिश करें।
- उनपर कहीं आने जाने या बात करने का प्रेशर बनाने की बजाय घुलने-मिलने का समय दें।
- पेशेंस सबसे जरूरी है। ऐसे लोग संकोच महसूस करने के चलते किसी भी चीज पर या बात पर प्रतिक्रिया देने में थोड़ा समय लगाते हैं। ऐसे में धैर्य रखकर उनकी बात को समझने की कोशिश करें।