विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day) 8 जून को हर साल मनाया जाता है। ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और शुरुआती लक्षणों की पहचान और उपचार को बढ़ावा देने के लिए ये दिन समर्पित है। इस दिन को मनाने का खास मकसद ब्रेन ट्यूमर के वॉर्निंग साइन की पहचान करना है। ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी परेशानी है जो किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। ब्रेन ट्यूमर दिमाग से जुड़ी बीमारी है जो दिमाग में ट्यूमर की अनियामित असामान्य ग्रोथ के कारण होती है। ब्रेन ट्यूमर घातक बीमारी है जिसके चलते इसका समय रहते पता लगाना और इलाज कराना जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के शुरूआती लक्षण कौन-कौन से हैं और उसकी पहचान कैसे करें।
ब्रेन ट्यूमर के शुरूआती लक्षण:
कामिनेनी अस्पताल, हैदराबाद में सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ लक्ष्मी लावण्या के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर के शुरूआती लक्षणों की बात करें तो इस बीमारी का सबसे पहला लक्षण बार-बार सिर में दर्द होना है। ये दर्द लगातार और गंभीर होता है। अगर ये सिरदर्द मतली, उल्टी,दिखने में परिवर्तन जैसे लक्षणों के साथ होता है तो तुरंत डॉक्टर की दिखाने की जरूरत होती है। अचानक मांसपेशियों में मरोड़,चेतना में कमी होना या अनियंत्रित जर्किंग मूवमेंट वाले दौरे पड़ना भी ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकते हैं।
- इसके अलावा, दृष्टि में परिवर्तन जैसे धुंधला या दोहरा दिखाई देना। प्रकाश की चमक का अनुभव करना भी ब्रेन ट्यूमर से जुड़ा हो सकता है।
- ब्रेन ट्यूमर संज्ञानात्मक क्षमताओं और व्यवहार को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे याददाश्त, एकाग्रता, समस्या को सुलझाने की क्षमता का कम होना शामिल है।
- मिजाज़ में बदलाव होना जैसे चिड़चिड़ापन, भावनात्मक अस्थिरता में अस्पष्ट परिवर्तन हो सकते हैं।
- सिर दर्द के साथ उल्टी होना भी ब्रेन ट्यूमर के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।
- अंगों में कमजोरी और सुन्न होने की हो सकती है शिकायत।
- इसके अतिरिक्त, मतली और उल्टी के लगातार या अस्पष्ट एपिसोड,ये लक्षण सिरदर्द या अन्य न्यूरोलॉजिकल संकेतों के साथ हो सकते हैं। चलने में कठिनाई, संतुलन बनाए रखने, या ठोकर लगने के बढ़ते मामले भी ब्रेन ट्यूमर के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।
ब्रेन ट्यूमर वाले युवा व्यक्तियों में हाथ, पैर या चेहरे में कमजोरी या सुन्नता का अनुभव भी होता है।
सर्जरी से ब्रेन ट्यूमर का इलाज:
ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों का पता अगर शुरूआती दौर में चल जाए तो इस बीमारी का इलाज सर्जरी करके आसानी से किया जा सकता है। शुरूआती दौर में ट्यूमर का साइज़ छोटा होता है और वो फैलता नहीं है तो उसे सर्जरी से कंट्रोल किया जा सकता है।
कीमोथेरेपी से ट्यूमर का इलाज:
कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट में ट्यूमर के टिश्यूज को खत्म करने के लिए दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
रेडिएशन थेरेपी से ट्यूमर का इलाज:
ट्यूमर के टिश्यूज को खत्म करने के लिए रेडिएशन का यूज किया जाता है। एक्सटर्नल-बीम रेडिएशन थेरेपी सबसे आम प्रकार का रेडिएशन ट्रीटमेंट है जो मशीन से होता है।