महिलाओं में मासिक धर्म यानी पीरियड्स जब पूरी तरह से बंद हो जाते हैं, तो इस स्थिति को मेडिकल टर्म में मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज यानी रजोनिवृति के बाद महिलाएं अपने मां बनने की क्षमता को खो देती हैं। उम्र के बढ़ने के साथ ही महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति आती है। देश में मेनोपॉज की सामान्य उम्र 45 से 50 साल के बीच है। हालांकि, अगर गर्भाशय में कैंसर हो जाए, या फिर सर्जरी के बाद भी पीरियड्स बंद हो जाते हैं।

क्या है मेनोपॉज: जब महिलाओं में अंडाशय, अंडा यानी ओवेरी निष्कासित करना बंद कर देता है, तो इससे मासिक धर्म बाधित हो जाता है। इसमें महिलाएं नैचुरल तरीके से प्रग्नेंट नहीं हो पाती। शरीर में यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है। जब पूरी तरह से मेनोपॉज का समय आता है, तो पीरियड्स होना पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज की स्थिति आने से तीन-चार साल पहले से शरीर एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का निष्कासन करना धीरे-धीरे कम कर देता है।

बता दें, शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन के निष्कासन के कारण ही महिलाएं प्रेग्नेंट होती हैं। हालांकि, पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाएं कई परेशानियां से जूझती हैं। इस दौरान कुछ महिलाएं तो डिप्रेशन का शिकार भी हो जाती हैं। मेनोपॉज के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं। जिसके बाद सिरदर्द, तनाव, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, नींद में परेशानी, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, हमेशा थकावट महसूस करना, चीजें जल्दी भूल जाना, ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना और हॉट फ्लैशेज जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

मूड में बदलाव होना: मेनोपॉज की स्थिति जैसे-जैसे नजदीक आती है। महिलाओं के मूड स्विंग्स होने लगते हैं। इसका कारण एस्ट्रोजन के स्तर में असंतुलन होता है। यह असंतुलन दिमाग के न्यूरोट्रांमीटर को प्रभावित करता है, जिसके कारण अक्सर महिलाओं का मन उदास रहता है। अपने मन को तनावमुक्त रखने के लिए महिलाएं योग और एक्सरसाइज का सहारा ले सकती हैं।

डिप्रेशन और तनाव को इस तरह करें नियंत्रित: मेनोपॉज के कारण अक्सर महिलाएं तनाव और डिप्रेशन की समस्या से जूझती हैं। इसके लिए आपको तुरंत मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। साथ ही अपने करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों से अपनी परेशानी को शेयर करते रहना चाहिए। इससे अवसाद से ग्रसित होने से बचा जा सकता है।

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नींद ना आने की समस्या से इस तरह पाएं छुटकारा: शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स का स्तर अच्छी नींद को बढ़ावा देता है। हालांकि, मेनोपॉज के दौरान इनका स्तर कम होने लगता है, जिसके कारण अनिद्रा की समस्‍या हो सकती है। ऐसे में आपको ऐसे कपड़ों में सोना चाहिए, जिसमें आप खुद को कंफर्टेबल महसूस करें।