महिलाओं में पीरियड्स को लेकर अभी भी पूरी तरह से जागरूकता नहीं है। आज भी देश और दुनिया के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर पीरियड्स यानी मासिक धर्म को टैबू समझा जाता है। जब महिलाएं मासिक धर्म से गुजरती हैं तो लोग हीन नजरों से देखते हैं और उन्हें अशुद्ध समझते हैं। पीरियड्स को लेकर समाज में कुछ मिथक सदियों से चले आ रहे हैं, जिनके बारे में हर महिला को जानना बेहद ही जरूरी है।

-पीरियड्स के दौरान महिलाएं होती हैं अपवित्र: दुनियाभर के कई ऐसे देश से जहां पर पीरियड्स यानी मासिक धर्म को अपवित्र माना जाता है। साथ ही इन दिनों असहनीय दर्द से गुजर रही महिलाओं को समाज द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना पड़ता है। कई जगहों पर मासिक धर्म से गुजर रही महिलाओं के साथ छुआछूत जैसा भेदभाव भी किया जाता है। समाज में फैली इन कुरीतियों के प्रति हर महिलाओं को जागरूक होना चाहिए। साथ ही जो लोग इन कुरीतियों को मानते हैं, उनमें भी जागरूकता फैलानी चाहिए।

-मासिक धर्म से गुजर रही महिलाओं को नहीं छूने चाहिए पेड़-पौधे: कई जगहों पर यह धारणा है कि अगर मासिक धर्म के दौरान महिला किसी पेड़-पौधे को छू ले, तो वह पेड़ सूख जाएगा। हालांकि, यह बात पूरी तरह से गलत है। ऐसे में महिलाओं को इस तरह की अफवाहों के प्रति सचेत होना चाहिए।

-पीरियड्स में अचार छूने से हो जाता है खराब: कई जगहों पर मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का अचार छूना वर्जित माना जाता है। धारणा है कि पीरियड्स के दौरान अगर महिला अचार को छू ले, तो वह खराब हो जाता है। लेकिन यह धारण पूरी तरह से गलत है।

-मासिक धर्म में बाल धूलने से ब्लीडिंग होती है कम: पीरियड्स को लेकर यह मिथक फैला हुआ है कि इस दौरान बालों के धुलने से ब्लीडिंग प्रभावित होती है। हालांकि, इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। बाल धुलने से मासिक धर्म के प्रवाह पर कोई असर नहीं पड़ता।

-पीरियड्स के दौरान नहीं करनी चाहिए कोई फिजिकल एक्टिविटी: कुछ महिलाओं का मानना है कि मासिक धर्म के दौरान फिजिकल एक्टिविटी करने से प्रवाह प्रभावित होता है। हालांकि, हर केस में ऐसा नहीं होता। कहा जाता है कि पीरियड्स के दौरान फिजिकल एक्टिविटी करने से महिलाओं को आराम मिलता है।