Gold-anklets-toe-rings: सनातन धर्म में शादी के बाद विवाहित महिलाओं का सिंदूर और बिंदी लगाना, मंगलसूत्र, चूड़ी, पैरों में पायल और बिछिया पहनना जरूरी माना जाता है। यह उनके सुहाग की निशानी मानी जाती हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए बिछिया और पायल श्रृंगार के साथ-साथ धार्मिक लिहाज से जरूरी माने जाते हैं। लेकिन विवाहित महिलाएं क्यों नहीं पहनती पैरों में सोने के बिछिया और पायल? हमेशा शादी के बाद उन्हें पैर में चांदी के बिछिया और पायल ही पहनाएं जाते हैं। इसके पीछे धार्मिक के अलावा साइंटिफिक कारण भी है। आइए जानें इसके बारे में।
सोने के बिछिया और पायल न पहनने का धार्मिक कारण
सोने का संबंध माता लक्ष्मी के साथ है। वह धन की देवी कहलाती हैं। ऐसी मान्यता है कि सोने की किसी भी प्रकार के गहनों को कमर के नीचे नहीं पहना जाता है। ऐसा करने पर देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
विज्ञान में छुपा है रोचक कारण
सोने के बिछिया और पायल न पहनने का वैज्ञानिक कारण भी है। जानकारों के मुताबिक सोने के बिछिया या पायल पहनने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है। वहीं चांदी के गहनों में शीतलता देने का गुण होता है। इसलिए के कुछ हिस्सों को शीतल रखने के लिए वहां सोने नहीं चांदी के गहने पहने जाते हैं। ऐसा न करने पर स्वास्थ्य परेशानियां हो सकती हैं।
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