साबुन को लेकर तमाम तरह की बातें कही जाती हैं। लोगों का मानना है कि साबुन हमारे शरीर-त्वचा की गंदगी को साफ कर हमें तरोताजा महसूस करवाता है। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? सतलीवा की सह-संस्थापक और एक्सपर्ट नम्रता रेड्डी इस सवाल का जवाब ना में देती हैं। वो कहती हैं कि साबुन हमारे शरीर के छिद्रों में जा सकता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि आप किस तरह का साबुन उपयोग कर रहें है, खासकर जब बाजार में तमाम ब्रांड्स के साबुन मौजूद हैं।
नम्रता रेड्डी ऑर्गेनिक और बाजार में बिकने वाले सामान्य साबुन का जिक्र करते हुए कहती हैं कि दोनों में काफ़ी अंतर है। नैचुरल प्रोडक्ट और रसायन हमारे शरीर पर अलग-अलग तरह का प्रभाव डालते हैं। आइये जानते हैं कि दोनों में से किसका उपयोग करना चाहिए और कौन सा त्वचा-शरीर के लिए बेहतर है।
ऑर्गेनिक और सामान्य साबुन में महत्वपूर्ण अंतर:
– ऑर्गेनिक साबुन अधिक टिकाऊ होता है। इनमें केमिकल्स, कीटनाशकों और उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इससे शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
– ऑर्गेनिक साबुन त्वचा के लिए सुरक्षित है। दरअसल, सामान्य साबुन में सल्फेट होता है, जिससे झाग बनता है। हालांकि त्वचा के लिए झाग जरूरी नहीं है। यह केवल मार्केटिंग तकनीक है
– वास्तव में त्वचा को साफ करने के लिए प्राकृतिक तेलों की जरूरत होती है, गहराई में जाकर त्वचा छिद्रों में छिपे विषाक्त पदार्थों-गंदगी को साफ़ करें। ऑर्गेनिक साबुन इस पैमाने पर खरे उतरते है। ज्यादातर ऑर्गेनिक साबुन में नारियल, जोजोबा और भांग के बीज आदि होते हैं। ये सभी आपकी त्वचा के छिद्रों में घुसने और त्वचा को अंदर से साफ करने की क्षमता रखते हैं।
– ऑर्गेनिक साबुन आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद है। ये साबुन कई तरह के प्राकृतिक तेलों से मिलकर बने होते हैं। जिसमें लाइ और हाइड्रोलिसिस होते हैं। यह सब प्राकृतिक अच्छाइयों से भरपूर हैं। इसके कई फायदे हैं जैसे कि इनमें मॉइस्चराइजिंग और गहरी सफाई के गुण होते है। साथ ही, हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता हैं, जो मुंहासे और एक्जिमा से निपटने में मददगार है।
– ऑर्गेनिक साबुन एक तरीके से छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा देता है। ऐसे में यह सबके लिए फायदेमंद है।
