खाना खाने के बाद तुरंत बाद सो जाने से आपको कई समस्याओं का शिकार होना पड़ सकता है। दरअसल, खाना खाना खाने के तुरंत बाद अगर आप लेट जाएं तो आपका पाचंनतंत्र स्लो हो जाता है और फिर अपच और ब्लोटिंग जैसी समस्या होने लगती है। इसी दौरान एक गड़बड़ी ये होती है कि जब शरीर खाना पचा रहा होता है तो दिमाग को मैसेज पहुंचा रहा होता है और कुल मिलाकर इस दौरान आपकी ब्रेन और बॉडी दोनों काम कर रही होती है जबकि आप सो रहे होते हैं। ऐसे में नींद के पैटर्न में बाधा आ सकती है और इसका असर आपके मूड और हार्मोनल हेल्थ पर पड़ता है। इसलिए खाने और सोने के बीच एक पर्याप्त अंतराल होना चाहिए। लेकिन, कितना आइए जानते हैं।
खाने और सोने के बीच कितना हो अंतराल-What should be the gap between eating and sleeping
Sleepfoundation.org के अनुसार सोने से दो से चार घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए। इस तरह से खाने और सोने के बीच 2 से 4 घंटे का गैप होना ही चाहिए। दरअसल, जो लोग सोने से पहले खाना खाते हैं उनके पास अपने भोजन को ठीक से पचाने के लिए पर्याप्त समय होता है। खाने और लेटने के बीच समय निकालने से भी GERD की समस्या हो सकती है। हालांकि, अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग समय हो सकता है क्योंकि ये भोजन के प्रकार पर भी निर्भर करता है।
खाने और सोने के बीच कौन सी एक्सराइज करें-Exercises to do between eating and sleeping
10 मिनट स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें-10 minute stretch before bed
सोने से पहले 5 मिनट की स्ट्रेचिंग आपकी मांसपेशियों को आराम देने, आपके दिमाग को शांत करने और आपके शरीर को रात की आरामदायक नींद के लिए तैयार करने में मदद कर सकती है। तो आपको
-1 से 2 मिनट गर्दन और कंधे की एक्सरसाइज करें। धीरे-धीरे अपने सिर को दाईं ओर झुकाएं, अपने कान को अपने कंधे की ओर लाएं। 30 सेकंड तक रुकें और फिर किनारे बदल लें।
-2 से 3 मिनट पीठ की एक्सरसाइज करें।
- 3-4 मिनट कूल्हे और पैर की एक्सरसाइज करें।
-5 मिनट रिलैक्सिंग एक्सरसाइज करें।
खाने के बाद 20 मिनट वॉक करें-20 minute walk before bed
खाने के बाद 20 मिनट तक वॉक करें। ऐसा करने से आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई लाभ मिल सकता है। नियमित रूप से चलने से आपकी नींद के पैटर्न को नियंत्रित करने और आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिल सकती है। चलना आपके दिमाग को साफ करने में मदद कर सकता है, तनाव और चिंता को कम कर सकता है जो नींद में बाधा डाल सकता है। प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा के संपर्क में आने से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे शांति मिलती है और व्यक्ति रिलैक्स हो जाता है। अंत में चलने से मेलाटोनिन उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, जिससे रात को अधिक आरामदायक नींद आती है।
याद रखें:
- सोने से पहले आराम से वॉक करें। तेज गति से वॉक करने से बचें नहीं तो शरीर एक्टिव हो जाएगा और फिर नींद नहीं आएगी।
- वॉक के दौरान मोबाइल चलाने से बचें।
- सोने से पहले उत्तेजक गतिविधियों या बातचीत से बचें।
-म्यूजिक सुनें और सो जाएं।