टीबी की बीमारी फ्लू की तरह ही हवा के जरिए फैलती है। ये बीमारी बैक्टीरिया से होने वाला एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है। इस बीमारी का खतरा HIV के मरीजों, अस्पताल में काम करने वाले लोगों और सिगरेट पीने वाले लोगों में अधिक रहता है। टीबी यानि तपेदिक आमतौर पर एमटीबी जीवाणु (माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस) के कारण होती है। यह बीमारी बहुत धीरे-धीरे बढ़ती है अगर इसका इलाज नहीं किया जाए तो ये जीवन भर रह सकती है।

अनुमान है कि दुनिया की लगभग एक-चौथाई आबादी टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित है। खास बात ये हैं कि इस आबादी को टीबी से संक्रामित होने का इल्म तक नहीं है। टीबी की बीमारी होने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं, बस उन लक्षणों को पहचानने की जरूरत है।

टीबी की बीमारी में कुछ लक्षण बेहद आम होते हैं और लम्बे समय तक बॉडी में बने रहते हैं। 15 दिनों तक खांसी, बुखार और सीने में दर्द टीबी की बीमारी के हो सकते हैं संकेत है। आइए जानते हैं कि टीबी के लक्षणों की पहचान कैसे करें और उसका उपचार कैसे करें।

टीबी की बीमारी की कैसे पहचान करें?

  • लगातार 3 हफ्तों से खांसी आना और लगातार जारी रहना।
  • खांसी के साथ खून का आना।
  • छाती में दर्द और सांस का फूलना।
  • वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना।
  • शाम को बुखार का आना और ठंड लगना।
  • रात में पसीना आना टीबी की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।ट

टीबी से बचाव कैसे करें:

  • टीबी की बीमारी से बचाव करने के लिए इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करें। डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें जो इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाएं।
  • ज्यादा भीड़ वाली जगह पर जाने से बचाव करें।
  • कम रोशनी वाली और गंदी जगह पर नहीं रहें।
  • कमरे में पंखा चलाकर और खिड़कियां खोलकर सोएं ताकि बैक्ट्रिया बाहर निकल जाए।
  • खांसने या छींकने से पहले मुंह को कवर कर लें।

जिन लोगों में टीबी के लक्षण हैं वो कुछ देसी नुस्खें भी अपना सकते हैं:

  • लहसुन को चबाएं टीबी के लक्षण कम होंगे। सल्फ्यूरिक एसिड से भरपूर लहसुन टीबी के लक्षणों को दूर करता है।
  • एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ग्रीन टी का सेवन तपेदिक के मर्ज में आराम देगा।
  • काली मिर्च का सेवन सेहत को फायदा पहुंचाता है। काली मिर्च का सेवन आप उसका काढ़ा बना के कर सकते हैं।
  • टीबी के रोगियों को कैल्शियम की बेहद जरूरत होती है। ये मरीज बॉडी में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए दूध का सेवन करें।