World Sunscreen Day: हर साल 27 मई को वर्ल्ड सनस्क्रीन डे मनाया जाता है। अगर आप उम्र से पहले बूढ़ा नहीं होना चाहते तो आपको रोजाना सनस्क्रीन लगानी चाहिए। सनस्क्रीन (Sunscreen) न केवल हमें धूप से होने वाले नुकसान से बचाती है। बल्कि इसे लगाने से टैनिंग (Tanning) से भी बचाव होता है। सनस्क्रीन लगाने से समय से पहले झुर्रियां नहीं आती हैं। एजिंग साइन कम होते हैं। इतना ही नहीं स्किन कैंसर का खतरा भी कम होता है। बहुत सारे लोग इसे खरीदने और लगाने को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए ही वर्ल्ड सनस्क्रीन डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी।
सनस्क्रीन का इतिहास
ऐसा बताया जाता है कि 1930 से सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। फिजिक्स के एक स्विस स्टूडैंट ने तैयार किया था। बेंजामिन ग्रीन ने उसकी मदद की थी।
क्या है सनस्क्रीन क्रीम?
सनस्क्रीन एक तरह दवा की तरह काम करती है। यह सूरज की हानिकारक अल्ट्रा वायलट रेज़ से स्किन को बचाती है। इसके साथ ही उम्र के असर को भी कम करती है।
क्या होती है SPF ?
सन प्रोटेक्शन फैक्टर (Sun protextion factor) को यानि एसपीएफ (SPF) से पता चलता है कि सनस्क्रीन आपको कितने दूर तक सन रेज से बचाकर रखेगी। सूरज की किरणों से बचाव करने के लिए हमेशा आपको 30 या उससे ज्यादा एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का चुनाव करना चाहिए।
PA++ एसपीएफ क्या है?
ऐसा माना जाता है कि सनस्क्रीन में जितने ज्यादा प्लस होते हैं वो उतनी ही अच्छा होता है। यानि PA++ एसपीएफ की क्वलिटी ज्यादा बेहतर होती है। अपनी स्किन और जरूरत के हिसाब से आप सनस्क्रीन का चुनाव कर सकते हैं। अगर आपको ज्यादा पसीना आता है तो आपको वॉटर बेस सनस्क्रीन खरीदनी चाहिए।
सनस्क्रीन लगाने का सही तरीका
आप घर में रहें या बाहर जाएं, हर स्थिति में आपको रोजाना सनस्क्रीन लगानी चाहिए। बाहर जाने से पहले आपको करीब 15 मिनट पहले इसे लगा लेना चाहिए। अगर आप धूप के संपर्क में आ रहे हैं तो आपको हर दो घंटे में इसे लगाना चाहिए। पसीना आने पर भी इसे दोबारा लगाएं।
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