Gen Z में चीजों को देखने और समझने का तरीका तेजी से बदल रहा है। खासकर डेटिंग के मामले में ये जनरेशन नए-नए टर्म्स और तरीके लेकर आ रही है। इसी कड़ी में अब एक और ऐसी रिश्ता निभाने की नई टर्म और नया तरीका सामने आया है, जिसे ‘सिमर डेटिंग’ (Simmer Dating) कहा जा रहा है। आइए जानते हैं इसके बारे में, साथ ही जानेंगे आम डेटिंग से कैसे अलग है सिमर डेटिंग-
क्या है सिमर डेटिंग?
गौरतलब है कि जब आप किसी को पसंद करते हैं, तो उससे जल्द से जल्द अपने दिल का हाल बयां करने की कोशिश में रहते हैं। आप कम समय में ही उस शख्स के साथ जीने-मरने के सपने देखने लगते हैं और फिर जितना जल्दी हो सके, उसके साथ रिश्ते में बंधने की चाह भी रखने लगते हैं। हालांकि, इस तरह के ज्यादातर मामलों में शुरुआत में तो सब कुछ अच्छा चलता है लेकिन फिर आपका प्यार समय के साथ फीका पड़ने लगता है। उस शख्स के साथ रिश्ते में बंधने के बाद आपको समझ आता है कि शायद वो आपके लिए बना ही नहीं है। ऐसे में फिर दूसरे ही पल ब्रेकअप की नौभत भी आ जाती है।
अब, ब्रेकअप के इसी दर्द से बचने के लिए जेनरेशन Z संभलकर चलना पसंद कर रही है और इसके लिए सिमर डेटिंग के तरीके को अपना रही हैं। आसान भाषा में समझें को सिमर डेटिंग एक ऐसा तरीका है, जिसमें लोग कोई जल्दबाजी न करते हुए धीरे-धीरे कनेक्शन बनाते हैं। पहले टेक्स्ट से लेकर पहली डेट तक, लोग हर चीज को स्लो करते हैं और छोटे-छोटे स्टेप्स में आगे बढ़ते हैं।
लोग किसी के साथ रिश्ते में बंधने या अपने प्यार का इजहार करने से पहले उस शख्स को बेहतर तरीके से समझते हैं, ये जानने की कोशिश करते हैं कि उस शख्स की सोच उनसे मिलती है या नहीं ताकि आगे चलकर उनके रिश्ते में किसी तरह की प्रॉब्लम्स न आए।
कितना अच्छा है ये तरीका?
मामले को लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई खास बातचीत के दौरान रिहैबिलिटेशन काउंसलर और मनोचिकित्सक सोनल खंगारोत ने बताया, ‘धीमी गति से चीजों को समझकर डेट करने या रोमांटिक रिश्तों को आगे बढ़ाने के तरीके को सिमर डेटिंग कहा जाता है। वहीं, बात फायदों की करें, तो ये तरीका अपनाकर आप सामने वाले शख्स को बेहतर तरीके से जान पाते हैं, समय के साथ आपका बॉन्ड और मजबूत होता है, आपके बीच इमोशनल इंटिमेसी बढ़ती है, विश्वास बढ़ता है और इस तरह ज्यादातर मामलों में रिश्ता लंबे समय तक चलता है।’
इन बातों का रखें ख्याल
हालांकि, तमाम फायदों के बावजूद मनोचिकित्सक सिमर डेटिंग के दौरान कुछ खास बातों को ध्यान में रखने की भी सलाह देती हैं। सोनल खंगारोत के मुताबिक, कई बार रिश्ते को ज्यादा समय देने के दौरान भावनात्मक ठहराव और गलतफहमियों बढ़ सकती हैं। इन्हें रोकने के लिए अपनी जरूरतों और इच्छाओं के बारे में स्पष्ट रहें। आप धीरे-धीरे चलने वाले हैं और इस दौरान आपको कई चीजें खराब लग सकती हैं। इन बातों को पहले ही दिमाग में रखें और सभी चीजें समझकर कोई फैसला लें।
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